रुड़की: चकबन्दी के अधिकारियों की भ्रष्टाचार में संलीप्तता को लेकर आज भारतीय किसान यूनियन के कार्यकर्ता चकबंदी अधिकारियों का घेराव कर मुंह काला करने के लिए तहसील परिसर में चकबंदी न्यायालय पहुंचे। किसानों के गुस्से को देखते हुए सभी अधिकारी अपने दफ्तर ही नहीं पहुंचे। गुस्साए किसानों ने वहां काम कर रहे कर्मचारियों को बंधक बना लिया।
किसानों का कहना है कि चकबंदी कार्यालय में भ्रष्टाचार पूरे चरम पर है। अधिकारियों की गरीब किसानों की भूमि खुर्दबुर्द करके भूमाफिया को दी जा रही है। किसानों का यह भी आरोप है कि कई अधिकारी अपने पद से ज्यादा सेलरी ले रहे हैं। इसी मुद्दे को लेकर 22 चकबंदी अधिकारियों के खिलाफ एसआईटी जांच के बाद मुकदमा भी दर्ज हो गया। बावजूद अब तक उनकी गिरफ्तारी नहीं हो रही है।
चकबंदी अधिकारी किसानों के डर से आज अपने दूसरे कार्यालय में मेन गेट बंदकर मीटिंग का बहाना करते नजर आये। चकबंदी के डिप्टी डायरेक्टर ने बताया कि उनको कुछ भूमाफिया ने जबरदस्ती फंसाया है। उन्होंने किसानों के आरोपों को भी गलत बताया। इस मौके पर चकबंदी के यूनियन के अध्यक्ष का कहना है कि अगर किसानों की तरफ से इसी तरह इन लोगों पर दबाव बनाया जाता रहा तो, वह कार्य बहिष्कार भी कर सकते हैं।