देहरादून : पूर्व सीएम हरीश रावत ने इस बार उत्तराखंड की त्रिवेंद्र सरकार पर बड़े ही अलग अंदाज और अलग शब्दों को चुनकर वार किया है. इस हमले में पूर्व सीएम ने उत्तराखंड के किसान, नौजवान के हालातों को बयां किया है.
हरीश रावत की पोस्ट
उत्तराखण्ड में किसान है त्रस्त, नौजवान लस्त-पस्त, उत्तराखण्ड अस्त-व्यस्त और सरकार है, मस्त, यह स्थिति बदलनी है। गन्ने का भुगतान नहीं, खरीद मूल्य दूर, बेबस किसान औने-पौने दाम पर चरखी में गन्ना बेच रहा है, पहले धान, अब गन्ना, किसान बदहाल है। मैं मजबूर हूॅ, त्रिवेन्द्र सिंह जी की वजन घटाने की सलाह पर अमल करने के लिये और 5 दिसम्बर को प्रातः 11 बजे, विधानसभा भवन के सम्मुख, किसानों की समस्या को लेकर, विशेष तौर पर गन्ने के सवाल पर ‘‘उपवास’’ पर बैठूंगा। गैरसैंण और गन्ना, दोनों मेरी आत्मा के हिस्सा हैं।