लक्सर(गोविंद सिंह)- आम बजार में गेहूं की कीमत 1600 रूप्ये प्रति कुन्तल से लेकर 1625 रूप्ये प्रति कुन्तल तक है जबकि सरकारी क्रय केन्दों पर 1735 रूप्ये प्रति कुन्तल की कीमत की दर गेहूं की खरीदारी की जा रही है. वहीं लक्सर में जिन किसानो ने इन सरकारी गेहूं क्रय केन्द्रो पर गेहूं बेच दिया उन्हे पैसा न मिल पाना अब किसानो के लिये सिरदर्द बना हुआ है. अब यह किसान लाचारी का जीवन जी रहे है. सरकार ने लकसर में भी 4 सरकारी गेहूं क्रय केन्द्र खोले है जिनपर गेहू की खरीदारी भी की जा रही है इन चार केन्द्रों में भी एक एैसा केन्द्र है जो गेहूं की खरीदारी नहीं कर रहा है और जो केन्द्र गेहूं की खरीदारी कर रहे वह भी किसानों भुगतान नहीं दे पा रहे हैं.
भिक्कमपुर एक एेसा क्रय केन्द्र खोला गया है जिसने आज तक गेहूं की खरीदारी नहीं की वजह चाहे जो भी रही हो लेकिन यहां के किसानों इसका कोई लाभ नहीं मिल रहा है.
ऐथल बुजूर्ग में बने सरकारी गेहूं क्रय केन्द्र ने अभी तक कुल 748.85 और दाबकी कलां पर 479.36 रायसी पर 995.12 कुन्तल गेहूं की खरीदारी की जा चूकी है जिसमे से ऐथल बुजूर्ग ने 675 कुन्तल दाबकी कलां ने 425 कुन्तल और रायसी ने 450 कुन्तल की डिलीवरी भी दे दी है । ऐथल बुजूर्ग क्रय केन्द्र पर अभी तक कुल मिलाकर 748.85 कुन्तल गेहूं की खरीदारी की गई है जिसकी कीमत सरकारी कीमतो के अनुसार 1299254.75 रूप्ये बनती है. जबकि इस केन्द्र से किसानो को अभी तक 216875 रूप्ये ही जारी किये गये है. ठीक इसी प्रकार रायसी क्रय केन्द्र पर 995.12 कुन्तल गेहूं की खरीदारी की गई जिसकी कीमत सरकारी कीमतों के अनुसार 1726533.20 बनती है लेकिन इस क्रय केन्द्र ने भी किसानों को अभी तक 520500 रूपये ही आबंटित किये है.
तीसरे क्रय केन्द्र दाबकी कलां की हालत भी इससे कुछ पीछे नहीं है. इस केन्द्र पर किसानों से 479.36 कुन्तल गेहूं की खरीदारी की गई जिसकी कीमत 831689.60 बनेगी लेकिन भुगतान आधे से भी कम ही हो पाया. इस केन्द्र ने भी केवल 347000.00 रूप्यों का ही भुगतान किया. भिक्कमपुर सेंटर ने किसानों से गेहूं की खरीदारी नहीं की जिससे किसानों को इसका लाभ नहीं मिल पाया.
वैसे तो सरकार किसान की आय दोगुनी उचित मूल्य दिलाने की बात कहती हैं लेकिन लक्सर की समितियों में किसानों का गेहूं का पैसा न मिलने से कई सवालिया निशान खड़े हो रहे हैं या यूं कहें लक्सर में किसानों का गेहूं का पैसा ना मिलने से सरकार के वादे खोखले और हवा हवाई होते नजर आ रहे हैं.
जब किसानो की इस समस्या को लेकर एडीओ कोआपरेटिव गुलाब चन्द से बात की तो उन्होने कहा कि लकसर में केवल चार सरकारी गेहूं क्रय केन्द्र खोले गये जिनमे से तीन क्रय केन्द्र गेहूं ही खरीदारी कर रहे हैं अगर भुगतान की बात करें तो समितियां केवल उतने ही गेहूं का भुगतान करती है जितना वह आगे कम्पनी भेज देती हैं. यह बात सही है कि किसानों का एक बड़ा भुगतान समितियों के पास रूका हुआ है और किसानों को परेशानी भी हो रही है जल्दी ही इसका समाधान निकाल लिया जायेगा.