नानकमत्ता। इलाके के बिरिया भूड़ गांव के एक किसान की बैंक का नोटिस मिलने के बाद सदमे से मौत का मामला सामने आया है। किसान कर्ज न लौटा पाने से हुई बैंक की कार्रवाई से सदम में था।
बताया जा रहा है कि क्षेत्र के ग्राम बिरिया भूड़ निवासी मस्सा सिंह पुत्र गुरमेज सिंह ने उत्तराखंड ग्रामीण बैंक की सितारगंज शाखा से क्राप लोन लिया था। बाद में उस लोन को ट्राली के नाम ट्रांसफर कर दिया गया। दो दिन पहले सितारगंज से बैंक के अधिकारी उसके घर पहुंचे तथा लोन जमा करने के लिए नोटिस थमा दी। किसान को 15 दिन में पूरी रकम जमा करने के लिए कहा गया। जानकारी के मुताबिक किसान को बैंक का एक लाख इक्यानबे हजार एक सौ बाइस रुपया जमा करना था। वह 15 दिन में इतनी रकम जुटा पाने में असमर्थ था। बैंक वालों के जाने के बाद से ही मस्सा सिंह के चेहरे पर तनाव आ गया। किसान के पास सिर्फ दो एकड़ जमीन है। मस्सा सिंह के भतीजे जगदीश सिंह ने बताया कि मस्सा सिंह रात भर रोता रहा। परिवार वालों के समझाने के बाद भी उसका तनाव कम नहीं हुआ। कार्रवाई की चेतावनी के सदमे से उसकी मौत हो गई, जिससे परिवार में कोहराम मच गया। जगदीश सिंह का आरोप है कि मस्सा सिंह की मौत के लिए बैंक प्रबंधन जिम्मेदार है। घटना के बाद अखिल भारतीय किसान सभा के जिलाध्यक्ष त्रिलोचन सिंह ने कहा कि उत्तराखंड का किसान कर्ज में डूबा हुआ है। प्रदेश सरकार को किसानों का कर्ज माफ करना चाहिए। कर्ज से डूबे किसानों की लगातार मौत हो रही है, जो बेहद शर्मनाक है।
वहीं इस मसले पर जिलाधिकारी नीरज खैरवाल ने कहा कि उनकी परिवार के साथ सहानुभूति है। वह अफसरों को गांव भेजेंगे। परिवार को किसी तरह की दिक्कत नहीं आने दी जाएगी। परिवार को कृषि योजनाओं से लाभांवित किया जाएगा। उन्होंने बताया कि अटैक से किसान की मौत होने के मामला उनके संज्ञान में आया है।