रुड़की- दलित संगठनों के भारत बंद के दौरान रुड़की में हुई हिंसा में दून पुलिस का एक सिपाही भी शामिल था। देहरादून की एसएसपी ने हरिद्वार के एसएसपी की रिपोर्ट पर गुरुवार देर रात इस सिपाही को सस्पेंड कर दिया। इसी कड़ी में एक बसपा नेता, कई विभागों के अफसर और कर्मचारियों समेत 300 लोगों को भी चिह्नित किया गया है। एसएसपी ने रुड़की पहुंचकर उपद्रवियों की फुटेज खंगाली है।
हरिद्वार के अलग-अलग इलाकों में हिंसात्मक घटना हुई
बीते सोमवार को भारत बंद के दौरान हरिद्वार के अलग-अलग इलाकों में हिंसात्मक घटना हुई थी। रुड़की में फायरिंग और पथराव में पुलिसकर्मी समेत 15 से अधिक लोग घायल हुए थे। गंगनहर कोतवाली के इंस्पेक्टर के पैर के पंजे में भी गोली लगी थी। उपद्रवियों ने मंगलौर में रोडवेज की बस को भी आग लगा दी थी, कई वाहनों में तोड़फोड़ हुई थी।
घटना के बाद से ही पुलिस उपद्रव में प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष तौर पर शामिल रहे लोगों को चिह्नित करने में जुटी है। वीडियो फुटेज और फोटो से उपद्रवियों को चिह्नित कर रही है। रुड़की, भगवानपुर और मंगलौर पुलिस ने करीब 300 लोगों को चिह्नित किया है। हरिद्वार एसएसपी कृष्ण कुमार वीके ने बताया कि हरिद्वार के पथरी क्षेत्र का रहने वाला पुलिसकर्मी कांस्टेबल शेर सिंह जो कि देहरादून पुलिस लाइन में तैनात है, वह सोमवार को भारत बंद में शामिल था। इसके पूरे प्रमाण पुलिस के पास हैं। उसके खिलाफ कार्रवाई के लिए एसएसपी हरिद्वार ने देहरादून की एसएसपी को पत्र लिखा था।
एसएसपी हरिद्वार कृष्ण कुमार वीके ने बताया कि रुड़की का एक बसपा नेता और कई विभागों से जुड़े अफसरों और कर्मचारियों को भी चिह्नित किया गया है। कुछ लोग तो छुट्टी लेकर तथा कुछ ड्यूटी टाइम में इस उपद्रव में शामिल रहे थे। इनकी कॉल डिटेल खंगाली जा रही है।
पुलिस को दिया स्पेशल टास्क
एसएसपी ने रुड़की पुलिस को स्पेशल टॉस्क दिया है। जिसके चलते फिलहाल पुलिस ने उपद्रवियों की गिरफ्तारी पर ब्रेक लगाते हुए स्पेशल टॉस्क को पूरा करने पर जोर लगा रही है। पुलिस को यह पता लगाने की जिम्मेदारी दी है कि उपद्रव के मास्टर माइंड कौन थे।
पुलिस को जानकारी मिली है कि उपद्रव के पीछे शामिल रहे लोगों ने भीड़ को उकसाने के लिए आरक्षण समाप्त होने की अफवाह फैलाई थी। ऐसे तत्वों को भी चिह्नित किया जा रहा है।