एसएसपी बरिंदर जीत सिंह ने हत्या का खुलासा करते हुए बताया कि ओमकार गुप्ता निवासी ग्राम बेलाव थाना कलेर जिला अरवल बिहार यहां ठाकुर नगर में रहता था। उसने तारा पत्नी रामसूरत के साथ मिल कर संयुक्त रूप से मकान खरीद लिया। उक्त मकान में दो कमरे हैं, जिसमें एक कमरे में किराएदार रहता है और एक कमरे में तारा, रामसूरत व ओमकार संयुक्त रूप से रहते थे।तारा देवी व ओमकार के आपस में प्रेम संबंध थे।
ओमकार ने तीन साल पहले बिहार में अपने घर कर ली थी शादी
वहीं पता चला की ओमकार ने तीन साल पहले बिहार में अपने घर शादी कर ली थी, जिसका पता तारा देवी को नहीं था। तारा देवी ओमकार को पति की तरह ही मानती थी। जब ओमकार की शादी की बात तारा देवी को पता चली तो दोनों के बीच झगड़ा हुआ। जिस पर ओमकार बिहार चला गया। तीन चार महीने तक जब ओमकार वापस नहीं आया तो तारा देवी उसके घर चली गई। वहां भी इनका विवाद हुआ था, जिस पर ओमकार ने भरोसा दिलाया था कि वह उसके साथ ही रहेगा। इस बात का पता तारा देवी के पति रामसूरत को भी चल गया था। ओमकार के बहनोई की बिहार में मौत हो गई थी और उसे दसवां संस्कार में जाना था, जिसका तारा देवी विरोध कर रही थी। इस बात को लेकर दोनों के बीच झगड़ा हुआ।
13 जून की रात हत्या को दिया अंजाम
13 जून की रात को ओमकार रोज की तरह ड्यूटी करके लौटा तो उसके हाथ में चोट लगी थी, जिसकी दवा खाकर वह सो गया। तारा देवी ने मौका पाकर ओमकार को नींद में ही गला दबा दिया और उसके सिर को तख्त के किनारे पर लाकर ऊपर से दबा दिया, जिससे ओमकार की मौत हो गई। घटना को छिपाने के लिए तारा पड़ोसियों की सहायता से अस्पताल ले गई, जहां उसे मृत घोषित कर दिया। पोस्टमार्टम रिपोर्ट से हत्या का राज खुला तो पुलिस ने जांच की। तारा ने हत्या की बात स्वीकार की, लेकिन उसके पति रामसूरत का इस मामले में कोई लिप्तता नहीं पाई गई।