भाऊवाला, देहरादून। देहरादून के भाऊवाला इलाके में एक्सपायरी दवा से पालतु कुत्ते की मौत का मामला सामने आया है। डाॅगी पिछले कुछ दिनों से बीमार चल रहा था। उन्होंने उसका उपचार भाऊवाला के पशु चिकित्सा केंद्र से कराया। चार दिन पहले डाॅगी को सहसपुर के डाॅक्र हरेंद्र शर्मा ने इंजेक्शन लगाया, जिसके बाद उसकी मौत हो गई। उनका आरोप है कि डाॅक्टर ने एक्सपायरी इंजेक्शन लगाया। इसके चलते ही उसकी मौत हुई है। जबकि डाॅक्टर का कहना है कि अगर इंजेक्शन से मौत होती हो, तत्काल हो जाती।
सारी दवाएं एक्सपायरी डेट
हैरानी की बात ये है कि भाऊवाला सेंटर में जितनी भी दवाएं हैं। सारी दवाएं एक्सपायरी डेट की हैं। दवाओं की डेट 2018 में जा चुकी हैं। उनका सवाल है कि एक ही अस्पताल में सारी दवाएं एक्सपायरी कैसे हो सकती हैं। इसकी जांच की जानी चाहिए। उनका आरोप है कि जब इंजेक्शन लगाया था उसके बाद डाॅग को फिर लेकर आने के लिए फोन किया गया, लेकिन वो नहीं आये। उन्होंने अपने साथ काम करने वाले दो कर्मचारियों संदीप केसरवाल और जुयाल को भेज दिया।
उनका कहना था कि उनको कुत्ते का पिल्ला दे देंगे या पैसा ले लीजिए। शाम को डाॅ. शर्मा भी उनके घर गए। यह भी आरोप है कि जिस डाॅक्टर ने गलत इंजेक्श लगाया। उसी डाॅक्टर को कुत्ते की मौत और एक्सपायरी दवा की जांच सौंप दी। इससे कैसे निष्पक्ष जांच होगी। सब जानते हैं।
पशु चिकित्साधिकारी डाॅ.एसबी पांडे का इस मामले पर कहना है कि जिस डाॅक्टर के इंजेक्शन से मौत का आरोप लगाया जा रहा है उसे मानना थोड़ा कठिन है। मामले की जांच की जा रही है।
सेंटर में 2018 कर एक्सपायरी दवाएं होना गंभीर बात
लेकिन, सेंटर में 2018 कर एक्सपायरी दवाएं होना गंभीर बात है। कुत्ते का पिल्ला देने और पैसा देने की बात भी सही है। उन्होंने कहा कि सेंटर के जिस डाॅक्टर ने पहले इलाज किया, डाॅगी की मौत के लिए वह जिम्मेदार हो सकता है। हालांकि अभी पूरे मामले की जांच की जा रही है। फिलहाल उनको सेंटर से हटा दिया गया है। इसकी भी जांच की जा रही है कि सेंटर में एक्सपायरी दवाएं कहां से आई और क्यों वहां रखी गई थी।
सहसपुर एसओ का बयान
वहीं इस मामले पर सहसपुर एसओ का कहना है कि उन्होंने शिकायत मिलने के बाद तत्काल मौके पर दारोगा को जांच के लिए भेजा था। उनका कहना है कि जांच कर रिपोर्ट मांगी गई है। जांच के बाद जो भी उचित होगा कार्रवाई की जाएगी।