देहरादून : निकाय चुनाव के महासंग्राम के बीच जहां सभी राजनैतिक दलों ने प्रचार-प्रसार तेज कर दिया है…वहीं एक दूसरे दलों पर आरोप-प्रत्यारोप को लेकर हमले भी तेज हो गए हैं। लेकिन देहरादून के निवर्तमान मेयर विनोद चमोली ने अपनी पार्टी के नेता पर ही नाकामी को लेकर एक ऐसा आरोप मढ़ दिया है, जिससे सियासी फिजाओं में राजनैतिक पारा चढ़ना लाजमी है.
मलिन बस्ति के मुद्दे को लेकर महासंग्राम
निकाय चुनाव के महासंग्राम के बीच मलिन बस्तियों मे रह रहे लोगोें का हम दर्द बनने को लेकर सियासी दलों में होड़ मच गई है…खासकर भाजपा-कांग्रेस दोनों दलों की बात करें तो दोनों दल मलिन बस्तियों में रह रहे लोगों को मालिकाना हक दिए जाने की बात कर रहे हैं, जो दोनों दल अपनी सरकार रहते नहीं दिला पाए। लेकिन इन सब के बीच देहरादून के निवर्तमान मेयर विनोद चमोली ने अपनी ही पार्टी के वरिष्ठ नेता विजय बहुगुणा पर ऐसा आरोप मढ़ दिया है, जिसके कई सियासी मायने निकाले जा रहे हैं.
पूर्व सीएम विजय बहुगुणा पर लगाया आरोप
दरअसल विनोद चमोली का कहना कि पूर्व सीएम विजय बहुगुणा भी मलिन बस्ती में रह रहे लोगों को मालिकाना हक नहीं दिला पाए, जबकि मेयर रहते हुए 2013 में उनहोने विजय बहुगुणा के सीएम रहते हुए उनसे अनुरोध किया था, मलिन बस्ती में रहे रहे लोगो को मालिकाना हक दिया जाए।
विनोद चमोली ने बयान में की हेरा फेरी
विनोद चमोली के इस आरोप से साफ होता है कि विजय बहुगुणा मुख्यमंत्री रहते हुए मलिन बस्तियों को मालिकान हक नहीं दिला पाएं जिससे उनकी नाकामी कहा जा सकता है। लेकिन जब विजय बहुगुणा मुख्यमंत्री थे तो वह कांग्रेस पार्टी की ओर से सीएम थे और वह बीजेपी में लिहाज इस बयान के कई मायने निकाले जा रहे हैं. लेकिन जब हमारे संवाददाता ने विनोद चमोली से बयान पर स्पष्टीकरण मांगा तो चमोली ने बयान में हेरा फेरी करते हुए कह दिया कि वह कांग्रेस पार्टी से उस समय सीएम थे और कांग्रेस पार्टी मलिन बस्तियों को मालिकाना हक देने के पक्ष में नहीं हैं।
कुल मिलाकर जिस तरह से विनोद चमोली ने पूर्व सीएम विजय बहुगुणा को मंच से ये कहा डाला कि विजय बहुगुणा भी मलिन बस्तियों में रह रहे लोगों को मालिकाना हक न दिला पाए, उससे साफ है कि मालिकाना हक के बहाने वोटरों को लुभाने के लिए विनोद चमोली जो दावा चुनावी सभा से चला है, उससे भाजपा के भीतर अंतर द्धंद पैदा हो सकता है।