देहरादून (मनीष डंगवाल): उत्तराखंड शिक्षा विभाग में बीआरसी, सीआरसी के पद खत्म होने के बाद समग्र शिक्षा का बजट स्कूलों में खर्च नहीं हो पा रहा है। इसको लेकर विधानसभा के शीतकालीन सत्र में भाजपा विधायक धन सिंह नेगी ने बजट खर्च न होने का मामला उठाया। मामले की गंभीरता को देखते हुए शिक्षा मंत्री अरविंद पांडे ने जो जवाब दिया, उससे उत्तराखंड के बेरोजगारों के लिए रोजगार की उम्मीद जगी है।
बीआरपी, सीआरपी नियुक्त करने का प्रस्ताव
उत्तराखंड के सरकारी स्कूलों में समग्र शिक्षा का बजट पिछले दो साल से खर्च नहीं हो पा रहा है। उसकी एकमात्र वजह बीआरसी, सीआरसी की नियुक्तियां नहीं हो पाना या फिर पूर्व में की गई नियुक्तियों को खारीज करना है। शिक्षकों की कमी को देखते हुए हाईकोर्ट ने सरकार को आदेश दिया था कि शिक्षकों की नियुक्ति स्कूलों में पढ़ाने के लिए है, इसलिए सरकार बीआरसी, सीआरसी में तैनात शिक्षकों को वापस स्कूलों में भेजे। कोर्ट के निर्देश के बाद सरकार ने बीआरसी, सीआरसी में तैनाथ शिक्षकों को स्कूलों में भेज दिया। अब जब समग्र शिक्षा के बजट खर्च न होने की बात सामने आई, तो विभाग बीआरसी, सीआरसी के जगह बीआरपी, सीआरपी के पदों पर नियुक्ति करने की योजना बना रहा है। प्रस्ताव सरकार को भेजा जा चुका है। हांलाकि प्रस्ताव में यह स्पष्ट नहीं है कि बीआरपी, सीआरपी के पदों पर शिक्षकों को ही रखा जाएगा या फिर बेरोजगार युवाओं को मौका दिया जाएगा।
शिक्षकों के बदले बेरोजगारों को मिले मौका
विधानसभा में सवाल लगाने वाले टिहरी से भाजपा विधायक धन सिंह नेगी का कहना कि उन्होंने विधानसभा सत्र में सरकार को सुझाव दिया है कि बीआरपी, सीआरपी के 1200 से ज्यादा पदों पर शिक्षकों के बजाय प्रदेश के बेरोजगार युवाओं को मौका दिया जाए। धन सिंह नेगी का यह भी कहना कि यदि सरकार शिक्षकों को मौका देती है तो वह इस मामले विधिक राय भी लेंगे।
रोजगार को मौका मिलेगा
शिक्षा विभाग को बीआरपी, सीआरपी के 1200 पदों पर नियुक्ति करनी ही है। ऐसे में यदि सरकार अपने विधायक के सुझाव पर अमल करती है, तो बेरोजगार युवाओं के लिए रोजगार का ये बेहतर अवसर होगा। शिक्षा मंत्री अरविंद पांडेय का कहना है कि सरकार इसको लेकर पहले गंभीतरा चर्चा करेगी। यह तय किया जाएगा कि शिक्षकों को ही इन पदों पर रखना है या फिर आउटसोर्सिंग से इन पदों को भरना है।
दिल्ली में 40 हजार पर भर्ती
उत्तराखंड शासन स्तर पर भले ही ये निर्णय लिया जाना बाकी हो, लेकिन दिल्ली सरकार ने 40 हजार मानदेय पर आउटसोर्सिंग के जरिए बेरोजगार युवाओं के लिए बीआरपी, सीआरपी की नियुक्ति के रास्ते खोल दिए हैं। उत्तराखंउ की त्रिवेंद्र सरकार 2019-20 को रोजगार वर्ष के रूप में मना रही है। ऐसे में अगर सरकार बीआरपी, सीआरपी के 1200 पदों पर बीएड, टीईटी पास युवाओं को मौका देते है तो फिर रोजगार वर्ष मानने की पहल में यह एक सार्थक कदम साबित हो सकता है।