रुड़की: हरिद्वार डीएम दीपक रावत ने कुछ दिनों पहले जीनियस एजूकेशन प्वाइंट कोचिंग सेंटर पर छापेमारी की थी. जिससे आस-पास हड़कंप मच गया था. चौकाने वाली बात ये थी कि कोचिंग सेंटर संचालक से दस्तावेज मांगे जाने पर वे हड़बड़ा गए औऱ कोचिंग सेंटर से सम्बंधित कोई भी दस्तावेज नहीं दिखा पाए. साथ ही अभियार्थियों के नाम तक की लिस्ट उनके पास मौजूद नहीं थी. जिसके चलते जिलाधिकारी ने कर्मचारी चयन आयोग से सभी चयनित 66 अभ्यर्थियों की लिस्ट मांगी थी। प्रशासन को सभी अभ्यर्थियों के नाम-पते संबंधी लिस्ट उपलब्ध हो गई है।
बड़ा घोटाले की आशंका
कहीं न कहीं इसमे बड़ा घोटाले होने की बू आ रही है. एसएससी घोटाले का सीधे तौर पर इससे संबंध हो सकता है. वरना एक कोचिंग सेंटर से 66 बच्चों का चयन और वो भी सभी भगवानपुर और रुड़की तहसील का होना अपने आप में बड़ी बात है. साथ ही अभ्यर्थियों की नामों की लिस्ट कोचिंग सेंटर संचालक के पास न होना इसे और पुख्ता करता है.
अधिकतर अभ्यर्थियों भगवानपुर व तहसील रुड़की के रहने वाले
इस मामले की जांच भी शुरू हो चुकी है। प्रशासन को चयनित अभ्यर्थियों की जो सूची मिली है, उसमें सबसे अधिक अभ्यर्थियों ने भगवानपुर और तहसील रुड़की के रहने वाले हैं। इसके अलावा कुछ अभ्यर्थी हरिद्वार के भी हैं। लिस्ट के आधार पर जांच अधिकारी इन सभी अभ्यर्थियों से संपर्क साधकर इनके बयान दर्ज करेंगे। इसके बाद इस मामले की रिपोर्ट शासन को भेजी जाएगी।
चयनित सभी अभ्यार्थियों से होगी पूछताछ
जीनियस एजूकेशन प्वाइंट कोचिंग सेंटर के उत्तराखंड पावर कॉरपोरेशन लिमिटेड, यूपीसीएल में जेई के लिए हुई परीक्षा में उत्तीर्ण अभ्यर्थियों से अब पूछताछ होगी। कर्मचारी चयन आयोग ने जिले के चयनित इन सभी 66 अभ्यर्थियों की सूची प्रशासन को भेजी है। इस मामले की जांच अब एडीएम (वित्त) ललित नारायण मिश्रा को सौंपी गई है। जांच अधिकारी अब इस सूची के आधार पर चयनित अभ्यर्थियों से बात करके सभी चयनित 66 अभियार्थियों का बयान दर्ज करेंगे। जिससे इस मामले की पूरी सच्चाई सामने आ सकेगी।
क्या है मामला
दरअसल पिछले साल नवंबर में यूपीसीएल में जेई के 252 पदों के लिए उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग ने परीक्षा कराई थी। मालवीय चौक के पास स्थित जीनियस एजूकेशन प्वाइंट कोचिंग सेंटर के 66 अभ्यर्थियों का इसमें चयन हुआ था
डीएम दीपक रावत ने कोचिंग सेंटर पर मारा था छापा
आपको बता दें डीएम को शिकायत मिली थी. इस मामले में बुधवार को आयोग के निर्देश पर डीएम दीपक रावत ने कोचिंग सेंटर पर छापा मारकर सभी दस्तावेज जब्त किए थे। साथ ही कोचिंग संचालक से छात्रों के बारे में जानकारी जुटाई गई थी, लेकिन वह कोई जानकारी नहीं दे पाए थे। जिलाधिकारी ने इस पूरे मामले की जांच अपर जिला अधिकारी ललित नारायण मिश्रा को सौंपी है।