टिहरी: सालों से टिहरी में जिस पुल का इंतजार हो रहा है, उसको जनता को समर्पित करने का समय नजदीक आ रहा है। इसे किसी झील पर बना एशिया का सबसे लंबा और ऊंचा सस्पेंशन पुल भी माना जाता है। इस पुल के बनने से काला पानी जैसी सजा भुगत रहे प्रताप नगर क्षेत्र के लोगों को इससे बड़ी राहत मिलेगी। उनका सालों पुराना सपना पूरा होगा। कोरोना काल में इस पुल को लेकर एक अच्छी खबर यह है कि इस पर आज ट्रायल किया गया, जो पूरी तरह सफल रहा।
ट्रायल के तौर पर डोबरा की तरफ से एक वाहन में सामान भरकर चांठी की तरफ लेजाया गया। इस पुल पर पहली बार कोई वाहन डोबरा से चांठी की तरफ पहुंचा। इस खबर से प्रतापनगर क्षेत्र के लोग भी खासे खुश हैं। कंपनी ने पुल पर बचा हुआ काम पूरा करने की कवायद तेज कर दी है। माना जा रहा है कि पुल का काम जल्द पूरा हो जाएगा।
डोबरा-चांठी पुल के निर्माण से कई विवाद भी जुड़े। इंजीनियरों के लिए भी इस पुल ने कई मुश्किलें खड़ी की, लेकिन काफी प्रयासों और सालों की मेहनत के बाद अब सपना साकार होता नजर आ रहा है। इस पुल का निर्माण 2006 से चल रहा है। पुल को दो साल में बनकर तैयार होना था, लेकिन इसे बनने में 14 साल को वक्त लग गया।