देहरादून: आप सोच रहे होंगे कि भला प्रीतम सिंह के कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष बने रहने से भाजपा को क्या लाभ होने वाला है। लेकिन, राजनीति जानकारों की राय भी यही है कि प्रीतम सिंह के कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष बने रहने का भाजपा को बड़ा फायदा होगा। दूसरा कारण कांग्रेस संगठन में लगातार उभर रही गुटबाजी है। कांग्रेस के नेता एक-दूसरे के खिलाफ ही मोर्चा खोल रहे हैं। इतना कुछ होने के बाद कांग्रेस अध्यक्ष चुप्पी साधे हुए हैं। इतना ही नहीं
राजनीतिक विश्लेषक प्रीतम सिंह कई बार अपने बयानों से सरकार को बचाने जैसी मुद्रा में भी नजर आ चुके हैं। सरकार के विरोध के नाम पर प्रीतम सिंह कुछ ज्यादा कहने से बचते नजर आते हैं। संगठन को एकजुट करने में भी पूरी तरह फेल साबित हुए हैं। जिसका सीधा लाभ भाजपा और सरकार को मिल रहा है। दूसरी ओर इंदिरा हृदयेश हरीश रावत के समर्थन में आने वाले हर बयान का विरोध कर रही हैं। इस लिहाज से तो भाजपा यही चाहेगी कि प्रीतम सिंह ही कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष बने रहें…।
कुंजवाल का बयान
पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत को दरकिनार करने को लेकर पिछले दिनों जागेश्वर विधायक और पूर्व विधानसभा अध्यक्ष गोविंद सिंह कुंजवाल को एक बयान सामने आया था, जिसमें उन्होंने हरीश रावत को किनारे करने का कांग्रेस संगठन पर ही सवाल खड़े किये थे।
इंदिरा का बयान, प्रीतम की चुप्पी
इंदिरा हृदयेश ने गोविंद सिंह कुंजवाल के बचान पर पलटवार किया। इंदिरा हृदयेश ने कहा कि हरीश रावत तो खुद ही हाईकमान का हिस्सा हैं। ऐसे में उनको कौन किनारे कर सकता है। उन्होंने कहा कि था कि इस तरह की बयानबाजी से कुछ नहीं होने वाला। हरीश रावत को खुद तय करना है कि उनको क्या करना चाहिए। प्रीतम सिंह को कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष होने के नाते इस पर सामने आकर सबकुछ साफ करना चाहिए था, लेकिन उन्होंने कुछ नहीं कहा।
धामी का बयान
हरीश धामी ने पूर्व सीएम हरीश रावत की कांग्रेस रैली में हरीश रावत को दरकिनार करने के बाद सोशल मीडिया मंे एक बयान सामने आया, जिसमें उन्होंने साफतौर पर लिखा कि वो हरीश रावत की अनदेखी से नाराज हैं और उसका कड़ा विरोध करते हैं। हरीश धाम ने यह भी कहा था कि हरीश रावत कोई एक व्यक्ति नहीं हैं। वो एक पूरा विचार हैं। साथ ही उनकी अनदेखी किये जाने पर निर्दलीय चुनाव लड़ने की बात भी कही थी।
फिर इंदिरा का बयान, प्रीतम सिंह फिर चुप
हरीश धामी के इस बयान पर भी कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष प्रीतम सिंह की कोई प्रतिक्रिया नहीं आई। इस बार भी वो चुप रहे। लेकिन, इंदिरा हृदयेश इस बार भी चुप नहीं रही। उन्होंने जिस तरह से कुंजवाल के बयान पर पलटवार किया था। इस बार भी उन्होंने हरीश धामी को चापलूसी नहीं करने की हिदायद दे डाला। इंदिरा हृदयेश यहीं पर नहीं रुकी। उन्होंने हरीश धामी को यहां तक कह दिया कि कभी-कभी ज्यादा चापलूसी महंगी पड़ जाती है।
करन माहरा का बयान
हरीश धामी पर की गई इंदिरा हृदयेश की टिप्पणी पर उप नेता सदन करन माहरा को गुस्सा आ गया और उन्होंने तुरंत ही इंदिरा हृदयेश को लेकर सोशल मीडिया में पोस्ट कर दी। उन्होंने लिखा कि इंदिरा हृदयेश को इस तरह से किसी विधायक के खिलाफ बयानबाजी नहीं करनी चाहिए। बेहतर होता कि हमसे बात की जाती और सब मिलकर इस पर बात करते। पार्टी के पास 70 मेंसे महज 11 विधायक हैं। उन्होंने सवाल किया कि क्या पार्टी संगठन 11 विधायकों से भी बाता नहीं कर सकते। इससे उनका सीधा हमला प्रदेश अध्यक्ष पर था। हालांकि उन्होंने साफतौर पर कुछ भी नहीं कहा।
कार्यकर्ताओं में भी गुस्सा, प्रीतम फिर भी चुप
नेता प्रतिपक्ष इंदिरा हृदयेश के बयानों और हरीश रावत की अनदेक्षी का असर सोशल मीडिया पर भी नजर आ रहा है। सोशल मीडिया में अब तक खामोश बैठे पार्टी कार्यकर्ताओं ने अब कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष और नेता प्रतिपक्ष इंदिरा हृदयेश के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। सोशल मीडिया में कई तरह की पोस्टें नजर आ रही हैं, जिसमें साफतौर पर पार्टी के प्रदेश नेतृत्व के खिलाफ गुस्सा नजर आ रहा है।
…प्रदीप रावत (रवांल्टा)