नई दिल्ली : लोकसभा चुनाव के बाद एग्जिट पोल के सर्वे में एनडीए की सरकार फिर से बनने के आसार लगाए गए हैं। परिणाम 23 मई को आने हैं, लेकिन उससे पहले ही विपक्षी नेताओं ने ईवीएम पर सवाल उठाने शुरू कर दिए हैं। यूपी से लेकर बिहार और पंजाब तक कई जगहों पर ईवीएम को ट्रक और दूसरे वाहनों में भरकर लेजाने के मामले सामने आए हैं। इन वीडियो को फेक नहीं कहा जा सकता है। विपक्ष का आरोप है कि ईवीएम से छेड़छाड़ के लिए इन ईवीएम को लेजाया जा रहा है।
यूपी के कन्नौज में नवीन मंडी समिति में स्ट्रांग रूम बनाया गया है। समाजवादी पार्टी ने कैमरे बंद होने का आरोप लगाया है। हालांकि जांच के बाद एआरओ ने इन आरोपों को गलत बताया। ट्विटर पर एक वीडियो शेयर कर लिखा गया है कि पंजाब में बिना सुरक्षा वाली कार से ईवीएम मिलीं। यह वीडियो खूब शेयर की जा रही है। बीएसपी कार्यालय ने लिखा प्रदेश भर के एजेंटों को पत्र लिखकर हिदायत दी है कि ईवीएम खुलने के पहले पूरी जांच कर लें। पार्टी ने अपने एजेंट्स से कहा है कि ग्रीन पेपर सील और स्पेशल टैग की जांच करें। राष्ट्रीय जनता दल ने आधिकारिक ट्विटर हैंडल से ट्वीट कर महागठबंधन के लोगों से स्ट्रांग रूम की रखवाली करने की अपील की है।इसमें कहा गया, महागठबंधन के मजबूत सिपाहियों से अपील है कि फर्जी एग्जिट पोल में ज्यादा ना फंसे। स्ट्रांग रूम की पूरी तरह रखवाली करे।
दिल्ली के डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया ने ट्वीट कर कहा है, ष्देशभर में मतगणना केंद्रों के आसपास म्टड खुली गाड़ियों में पकड़ी जा रही हैं. जनता पकड़ रही है लेकिन खुद को पत्रकार कहने वाले बड़े-बड़े लोग आंख मूंदकर बैठे है। उन्हें इंतजार है कि इस हेराफेरी से मोदी जीते तो ये फिर ईवीएम पर सवाल उठाने वालों पर भौंकना शुरू करें। एक और ट्वीट में सिसोदिया ने कहा, झांसी, मेरठ, गाजीपुर, चंदौली, असारन, हर जगह मतगणना केंद्रों पर मशीनें बदली जा रही हैं। लेकिन, चुनाव आयोग और तथाकथित-मीडिया मोदी के सामने नतमस्तक, आंखों पर पट्टी बांधे घुटनों के बल बैठा है। जनता ने मोदी के खलिाफ वोट दिया है उसे मीडिया और चुनाव आयोग मिलकर बदल रहे हैं।