बदहाल हो गई मरीना बोट
टिहरी जिले और उत्तराखंड के इतिहास में टिहरी झील का बड़ा महत्व है। टिहरी झील की वजह से टिहरी को देश ही नहीं, बल्कि विश्व के मानचित्र पर भी पहचाना जाने लगा है। जिस टिहरी झील में उत्तराखंड की त्रिवेंद्र सरकार ने कैबिनेट बैठक कर पूरे विश्व का ध्यान पर्यटन के लिहाज से आर्षित करने का प्रयास किया। सरकार ने उसी मरीना फ्लोटिंग वोट में बैठकर कई महत्वपूर्ण निर्णय प्रदेश में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए थे, लेकिन आज उसी मरीना फ्लोटिंग बोट की हालत आज दैनीय है।
भाजपा की हुई किरकिरी
4 करोड़ की लागत से तैयार मरीना बोट झील के पानी में समाती जा रही है। हालांकि बोट हरीश रावत सरकार में खरीदी गई थी, लेकिन त्रिवेंद्र सरकार में बोट पानी में समा रही है। भाजपा को पहले तो मरीना फ्लोटिंग बोट को लेकर कोई दिक्कत नहीं थी, लेकिन अब बोट खरीद में घोटाले के आरोप लगा रही है। सरकार की किरकिरी होने के बाद भाजपा संगठन तो इस मसले पर आगे आया है। लेकिन, उनके पास कांग्रेस पर आरोप लगाने के अलावा दूसरा कोई जवाब नहीं है।
कांग्रेस का आरोप
बोट के रखरखाव और दयनीय स्थिति को लेकर मुख्यमंत्री ने जांच के आदेश दे दिए हैं। लेकिन भाजपा के आरोपों को लेकर कांग्रेस भाजपा सरकार के खिलाफ आक्रमक हो गई है। कांग्रेस का कहना है कि भाजपा को मरीना फ्लोटिंग बोट खरीद में उस दिन घोटालर नजर क्यों नहीं आया, जिस दिन त्रिवेंद्र सरकार ने कैबिनेट बैठक कर मरीना फ्लोटिंग बोट को लेकर वाहवाही लूटी थी।
हरदा का हमला
पूर्व सीएम हरीश रावत ने भी ट्वीट कर सरकार पर सवाल खड़े करते हुए कहा कि सरकार की नाकामियों के चलते बोट की खस्ता हालत हुई है। वहीं, कांग्रेस की प्रदेश प्रवक्ता गरिमा दसोनी का कहना है कि यदि भाजपा को कोई घोटाला नजर आता है, तो सरकार को जांच करनी चाहिए। उन्होंने यह भी सवाल किया कि आखिर भाजपा सरकार दो साल से बोट का संचालन क्यों नहीं कर पाई ? इसका जनता को जवाब देना चाहिए। हरीश रावत ने नाच ना जाने आंगन टेढ़ा कहावत को ट्वीट करते हुए भाजपा को आड़े हाथों लिया।
भाजपा-कांग्रेस दोनों जिम्मेदार
इससे बड़ा दुर्भाग्य क्या हो सकता है कि जिस बोट को चार करोड़ में खरीदा गया। जिस बोट पर सरकार ने लाखों खर्च कर कैबिनेट बैठक की। जिस बोट को पर्यटन का जरिया बनाया जाना था। उस बोट से सरकार आज तक मात्र 300 रुपये ही कमा पाई। इससे एक बात तो साफ है कि चाहे कांग्रेस सरकार रही हो या फिर भाजपा की सरकार है। किसी ने भी मरीना बोट को गंभीरता से नहीं लिया।