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देहरादून : सुबह से ही उत्तराखंड की राजनीति में हलचल मची हुई है। आज उत्तराखंड के कैबिनेट मंत्री ने भाजपा का दामन छोड़ कर कांग्रेस का हाथ थाम लिया है। इतना ही नहीं कैबिनेट मंत्री के साथ उनके बेटे संजीव आर्य भी कांग्रेस में शामिल हो गए है।इसकी वजह तराई क्षेत्र में किसानों के आंदोलन और किसानों का सरकार के प्रति रोष बताया जा रहा है। दिल्ली में दोनों को पार्टी की सदस्यता दिलाई गई। वहीं इससे उत्तराखंड में भाजपा को बड़ा झटका लगा। तो वहीं उत्तराखंड के राजीव भवन में कांग्रेस ने जश्न मनाया।
बता दें कि सुबह से ही खबरें चल रही थी कि य़शपाल आर्य और संजीव आर्य के साथ एक और विधायक हैं जो कांग्रेस में शामिल होने जा रहे हैं। बता दें कि रायपुर से विधायक उमेश काऊ के कांग्रेस में शामिल होने की खबरें आई थीं लेकिन वो जनाब तो कहीं और किसी और के साथ बैठे मिले।
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जी हां बता दें कि उमेश शर्मा काऊ की आज कांग्रेस में शामिल होने की खबर चर्चाओं में थी लेकिन वो तो बीजेपी मुख्यालय पहुंचे दिखे और अनिल बलूनी के साथ बातचीत करते दिखे। बता दें कि उमेश काऊ कई लंबे समय से नाराज बताए जा रहे हैं। उनके खिलाफ उन्ही के क्षेत्र में उन्ही के पार्टी के कार्यकर्ताओं ने बैठक आयोजित की और उनके खिलाफ नारेबाजी भी की। उमेश काऊ की नाराजगी तो मंत्री धन सिंह रावत के सामने उभरकर आई लेकिन इसका कोई हल नहीं निकला। तब से कयास लगाए जा रहे थे कि उमेश काऊ कांग्रेस का दामन थाम सकते हैं। आज भी यहीं खबरें आई की आज दो विधायक कांग्रेस का दामन थामेंगे लेकिन जनाब तो अनिल बलूनी के साथ दिखे।
इस फोटों के वायरल होने के बाद कहा ये भी जा रहा है कि क्या अनिल बलूनी ने उमेश काऊ को मना लिया है। क्या उमेश काऊ की नाराजगी अनिल बलूनी ने दूर कर दी है। क्या यशपाल आर्य को मनाने में बीजेपी ने कोई चूक कर दी? जो भी हो भाजपा को आज बड़ा नुकसान हुआ है और कांग्रेस को बड़ा फायदा।