हल्द्वानी: इन दिनों बरसात पूरी तरह से अपना कहर बरपा रही है, जिसका असर स्कूली बच्चों पर देखने को मिल रहा है। बच्चे स्कूल जाने के लिए अपनी जान को जोखिम में डालकर नदी पार कर रहे हैं। ऐसा करना उनकी मजबूरी है। जनता के रहनुमाओं ने बच्चों और उनके गांव विजयपुर को हर बार पुल बनाने का भरोसा दिया। उने वोट मागें और बदले में वादा दिया कि अगर जीते तो पुल पक्का, लेकिन जीतने के बाद कोई नेता लौटकर नहीं आया। नेताओं ने विजयपुर के बच्चों के साथ ही बार छलावा किया।
डबल इंजन सरकार और प्रशासन की बेरुखी झेल रहे विजयपुर गांव के ग्रामीण और स्कूली बच्चे अपनी जान जोखिम में डालकर उफनती नदी पार करने को मजबूर हैं। बरसात के दिनों में विजयपुर गांव से पहले सूखी नदी उफान पर आ जाती है। विजयपुर गांव में जाने के लिए इस नदी को पार करने के अलावा कोई दूसरा कोई रास्ता नहीं है। लिहाजा विजयपुर गांव के बच्चे और ग्रामीण जान जोखिम में डालकर नदी पार कर रहे हैं।
विजयपुर गांव से स्कूल जाने वाले बच्चों को वीडियो सामने आया है। उसमें आसानी से देख सकते हैं किस तरह बच्चे अपनी जान जोखिम में डालकर नदी पार कर रहे हैं। अगर स्कूल जाते हुए बच्चे नदी के तेज बहाव में बह जाते हैं, तो इसका जिम्मेदार कौन होगा ? लंबे समय से गांव के लोग सरकार और प्रशासन से गांव के लिए पुल बनाने की गुहार लगाते आ रहे हैं। बावजूद उसके सरकार इनकी सुध नहीं ले रही है।
ग्रामीणों का कहना है कि जब विधायक नवीन दुम्का के पास पुल बनाने की मांग केलकर गए तो विधायक ने उल्टा उनसे ही कह दिया कि तुम इस गांव में क्यों रह रहे हो ? इस गांव को छोड़कर क्यों नही चले जाते। इस खतरे का सामना कर रहे ग्रामीणों को बरसात के तीन महीनों तक हर दिन अपनी जान जोखिम में डालनी होती है। बच्चों का स्कूल जाना जरूरी है। लिहाजा बच्चे नदी पार कर भीगे कपड़ों और किताबों के साथ ही स्कूल पहुंचते हैं। सरकार कब जागेगी, कुछ कहा नहीं जा सकता।