हल्द्वानी: जी हां अंग्रेजी मीडियम में मेडिकल की पढ़ाई कर रहा अभिषेक हिंदी मीडियम पढ़कर आया था। माता-पिता उसे डाॅक्टर बनाना चाहते थे, लेकिन उसे इंग्लिश मीडियम में कुछ समझ नहीं आ रहा था। उसने बहुत मेहनत की, लेकिन पीएमटी की कोचिंग में हर कदम पर अंग्रेजी उसका रास्ता रोक रही थी। अंत में उसने हारकर मौत को गले लगा लिया। माता-पिता से उसने सुसाइड नोट में माफी मांगी है। अभिषेक ने लिखा है…मुझे माफ करना मैं वो नहीं बन सकता, जो आप चाहते थे…।
शाहजहांपुर जिले के सैजना सिधौली अभिषेक कुमार हल्द्वानी की भट्ट कॉलोनी के पीजी में रहता था और पीएमटी की कोचिंग कर रहा था। टेस्ट में अभिषेक के नंबर काफी कम आए थे। वो परेशान था। सिर्फ इसलिए नहीं कि उसके नंबर कम आये, बल्कि इसलिए भी कि उसे अंग्रेजी सही ढंग से नहीं आती। उसके रूम मेट रजत और अंकित टेस्ट देने लगे, जबकि हितेश कमरे पर आया। अंदर से कमरा बंद देखकर उसने रोशनदान में हाथ डालकर कमरा खोला तो उसके पैरों तले से जमीन खिसक गई।
अभिषेक खिड़की के ग्रिल पर पतली तौलिया का फंदा बनाकर फांसी पर लटका था। हितेश के शोर करने पर हॉस्टल संचालक राजेश फुलारा कमरे में आए और फिर अभिषेक को बेस अस्पताल ले गए, जहां डॉक्टरों ने अभिषेक को मृत घोषित कर दिया।
अभिषेक के बिस्तर पर उसका एक मोबाइल और बेल्ट पड़े थे। पुलिस ने उसके दीवान से किताबें निकाली तो उनमें एक पेज का सुसाइड नोट मिला। इसमें अभिषेक ने अपने माता-पिता, चाचा और भाई को लिखा था। सुसाइड नोट में लिखा कि वह हिंदी मीडियम से पढ़ा था, लेकिन उसे यहां अंग्रेजी मीडियम की पढ़ाई करनी पड़ रही है। इसी कारण वह डॉक्टर नहीं बन सकता है।