भिंड: कहते हैं कि मां के दूध का कर्ज जन्मों-जन्मों तक नहीं चुकाया जा सकता। जिस बेटे को मां नौ माह तक अपनी कोख में पालती है। अगर वो मेटा कहने लगे कि अपनी कोख का किराया ले लो और घर छोड़ दो, तो उस मां पर क्या बीतेगी। ऐसा ही एक मामला मध्य प्रदेश के भिंड में सामने आया है। मानवता और मां की ममता को शर्मसार कर देने वाले इस मामले की चर्चा देशभर में हो रही है।
कोख में रखने का किराया लेकर घर छोड़ो
दरअसल, मध्य प्रदेश के भिंड में हर मंगलवार को पुलिस की जनसुनवाई होती है। इसी जनसुनवाई में रिश्तों को शर्मशार करने वाला एक मामला सामने आया। लहार निवासी 70 वर्षीय वृद्ध रामश्री बघेल ने पुलिस अफसरों को बताया कि मेरे बेटे शिवदयाल ने मुझे मारपीट कर घर से निकाल दिया है। नौ महीने कोख में रखने का किराया लेकर घर छोड़ देने की बात कहता है। इतना ही नहीं, नाती भी आए दिन मारपीट करता है।
अलग खाना बनाती हैं
उन्होंने बताया कि घर से निकाल देने पर मैं अलग खाना बनाती हूं। मेरी जमीन पर भी कब्जा कर लिया है। बेटा कहता है कि तुमने नौ महीने मुझे अपनी कोख में रखा है तो इसका किराया ले लो, लेकिन यहां मत रहो। बहू-बेटा और नाती कहते हैं कि अगर तुम घर वापस लौटकर आई तो जान से खत्म कर देंगे।
थाने में नहीं सुनी गई, तो एएसपी के पास पहुंची
लहार थाने में गई तो वहां भी उनकी कोई सुनवाई नहीं हुई। वृद्धा की शिकायत पर एएसपी संजीव कंचन ने लहार थाना प्रभारी को कार्रवाई करने के निर्देश दिए। जनसुनवाई में बघेल लाठी के सहारे एसपी ऑफिस पहुंची थीं। इस गंभीर मामले पर पुलिस भी मूक बनी रही, लेकिन एएसपी ने महिला की बात सुनते हुए कार्रवाई करने को कहा है।