उधम सिंह नगर : सूबे के शिक्षा मंत्री के गृह क्षेत्र की शिक्षा व्यवस्था पटरी से उतर चुकी है। जनपद उधम सिंह नगर के शिक्षा विभाग के नियुक्त नुमाइंदे शिक्षा के मंदिरों पर कार्रवाही करते हुए कतराते नज़र आ रहें हैं। देश के भविष्यों के जीवन के साथ खिलवाड़ करने वाले बेख़ौफ़ होकर अपने कारोबार को अंजाम दे रहें हैं। ताजा मामला है बाज़पुर का है, जहां आपको इसका जीता जागता सबूत मिल सकता है। बिना अनुमति के दो स्कूल को बंद करने के बाद भी चल रहे हैं और मासूमो के जीवन के साथ खिलवाड़ करने से पीछे नहीं हैं।
उत्तराखंड में गिरता जा रहा शिक्षा का स्तर
उत्तराखंड में शिक्षा का स्तर लगातार गिरता जा रहा है। जिसका कारण यह है कि शिक्षा के गोरख धंधे को शिक्षा माफ़िये फर्जी तरीके से अपने घरों में फर्जी स्कूलों को संचालित कर देश के भविष्य के साथ खिलवाड़ करने से पीछे नहीं हैं। जिसकी जानकारी स्कूल में पढ़ने वाले नौनिहालों के परिजनों को भी नहीं है। सूबे के शिक्षा मंत्री के गृह जनपद उधम सिंह नगर में एक के बाद एक फर्जी स्कूल सामने आ रहे हैं लेकिन जिम्मेदार अधिकारी उन पर कार्यवाही करने की जहमत तक नहीं उठाते है। वहीं जब फ़र्ज़ी तरीक़े से चल रहे स्कूलों पर जाकर खुद देखा तब नज़ारा भी ऐसा की आप खुद देख कर चौक जाएंगे। ऐसा नहीं कि फर्जी तरीके से चल रहा स्कूलों की जानकारी अधिकारियों को नहीं होती है।
फर्जी स्कूल हो रहे संचालित
बता दें कि बाजपुर विधानसभा के ग्राम गांव बाज़पुर में एमसीएस स्कूल और एजुकेशन जॉन नाम से फर्जी स्कूल संचालित हो रहे थे। जिसकी खबर को दिखाने के बाद उप खंड शिक्षा अधिकारियों ने स्कूल को सीज कर दिया। बाबजूद उसके एक सप्ताह के बात बिना किसी ख़ौफ़ के फिर से संचालित होने लगे। इससे देख कर आप शिक्षा व्यवस्था पर खुद ही अंदाज़ा लगा सकते हैं कि शिक्षा महकमा कितना सतर्क है।
आपको बता दें कि बीते दिनों में एक स्कूल में स्कूल संचालक ने अपनी ही स्कूल की छात्रा को हवस का शिकार नाबालिक बच्ची को बना डाला था। जिसका संज्ञान लेते हुए अधिकारियों ने विगत दिन स्कूल बंद करा दिया। साथ ही 1 किलोमीटर दूरी पर फर्जी तरीके से एक और स्कूल संचालित था। उस पर भी कार्यवाही करते हुए उप खंड शिक्षा अधिकारी ने स्कूल बंद करा दिया। वहीं स्कूल बंद होने के बावजूद भी स्कूल में बच्चों को पढ़ाया जा रहा है। यही नहीं अधिकारियों की लापरवाही उस समय सामने आई