देहरादून- संघ लोक सेवा आयोग की सिविल सेवा परीक्षा में उत्तराखंड के युवाओं ने अपनी प्रतिभा का डंका बजाया है। हल्द्वानी निवासी अपूर्वा पांडे ने परीक्षा में 39वीं रैंक हासिल की है।
शुक्रवार देर शाम तक सामने आए नतीजों में प्रदेशभर के युवाओं ने परीक्षा में अपनी कामयाबी का लोहा मनवाया है। हर बार की तरह इस बार भी सिविल सेवा परीक्षा में प्रदेश के होनहारों ने अपनी मेधा का कमाल दिखाया।
हल्द्वानी की अपूर्वा पांडे ने परीक्षा में ऑल इंडिया 39वीं रैंक हासिल की
तमाम चुनौतियों और अड़चनों से पार पाकर इन युवाओं ने नया इतिहास रच दिया है। हल्द्वानी की अपूर्वा पांडे ने परीक्षा में ऑल इंडिया 39वीं रैंक हासिल की है। हल्द्वानी की ही स्नेहा मेहरा ने 188वीं रैंक हासिल की है।
इसके अलावा ऋषिकेश निवासी वर्णित नेगी ने 504वीं रैंक प्राप्त की।
दून की मोनिका राणा ने परीक्षा में 577 रैंक हासिल की
वहीं दून की मोनिका राणा ने परीक्षा में 577 रैंक हासिल की है। बता दें कि यूपीएससी मुख्य परीक्षा 28 अक्टूबर, 2017 को आयोजित की गई थी। यह परीक्षा भारतीय प्रशासनिक सेवा, भारतीय विदेश सेवा, भारतीय पुलिस सेवा, केंद्रीय सेवा (समूह ए व समूह बी) और विभिन्न अन्य सरकारी विभागों में 990 पदों के लिए आयोजित की गई थी।
इरादे बुलंद हों तो सफलता कदम चूमती है। कामयाबी की कुछ ऐसी ही मिसाल हल्द्वानी की दो बेटियों ने संघ लोक सेवा आयोग की सिविल सर्विसेज परीक्षा पास कर पेश की है। उन्होंने न केवल अपना बल्कि परिवार के साथ ही हल्द्वानी का नाम रोशन किया है। इस परीक्षा में अमरावती कॉलोनी, हल्द्वानी की अपूर्वा पांडेय ने 39वीं रैंक प्राप्त की है।
कृषि एवं प्रोद्योगिकी विश्वविद्यालय पंतनगर से बीटेक कर चुकी अपूर्वा के पिता केसी पांडे पॉलीटेक्निक कोटाबाग में लेक्चरर हैं और माता मीना पांडे जीजीआइसी नैनीताल में शिक्षिका हैं।
हल्द्वानी की स्नेहा मेहरा ने भी 188वीं रैंक प्राप्त
सफलता का श्रेय वह अपने माता-पिता को देती हैं। इसके अलावा लोहरियासाल तल्ला, हल्द्वानी की स्नेहा मेहरा ने भी 188वीं रैंक प्राप्त कर शहर का नाम रोशन किया है। स्नेहा ने भी कृषि एवं प्रोद्योगिकी विवि से बीएससी एग्रीकल्चर की डिग्री हासिल की है। पिता सेवानिवृत डीआइजी पीएस मेहरा हैं। शहर की दोनों होनहार बेटियों की इस कामयाबी पर परिवार के साथ ही सगे संबंधियों व शुभचिंतकों ने बधाई दी।
हालात को हौसलों से हरा मोनिका ने पाया मुकाम
पंख फैला बेटियां अब परवाज भर रही हैं। वह न रुकना जानती हैं और न चुनौतियों से हार जाना। दून की बेटी मोनिका राणा भी इन्हीं में एक है। जिन्होंने माता-पिता को खोने के बाद भी अपना लक्ष्य नहीं खोया। पहले एमबीबीएस पास की और अब सिविल सेवा परीक्षा में सफलता हासिल की है।
सालावाला निवासी मोनिका की प्रारंभिक शिक्षा सेंट जोजफ्स ऐकेडमी से हुई। उन्होंने वर्ष 2008 में 88 प्रतिशत अंक के साथ 12वीं की। इसके बाद मेडिकल की तैयारी की। वर्ष 2015 में उन्होंने मद्रास मेडिकल कॉलेज से एमबीबीएस पूरा किया। अब सिविल सेवा परीक्षा में उन्होंने 577वां रैंक हासिल किया है।
पिता और मां इंद्रा राणा को एक सड़क हादसे में खो दिया
पिता गोपाल सिंह राणा आइएफएस थे और वन संरक्षक के पद पर तैनात थे। वर्ष 2012 में उन्होंने अपने पिता और मां इंद्रा राणा को एक सड़क हादसे में खो दिया। यह क्षण जिंदगी में अल्पविराम की तरह आया।
मोनिका मूल रूप से जौनसार-बावर क्षेत्र से
एक बारगी लगा कि सबकुछ खत्म हो चुका है। लेकिन, मोनिका ने हौसला नहीं हारा और आगे कदम बढ़ाए। उन्होंने डॉक्टरी की पढ़ाई और फिर सिविल सेवा की तैयारी की। वह बताती हैं कि इससे पहले भी दो बार परीक्षा दे चुकी हैं। वर्ष 2015 और फिर 2016 में एग्जाम दिया, पर प्रारंभिक परीक्षा में असफल रही।
दून निवासी मुकुल जमलोकी ने सिविल सेवा परीक्षा में 505वीं रैंक हासिल
खुद पर यकीन और निगाह मंजिल पर हो तो लक्ष्य हासिल हो ही जाता है। यह बात साबित की है दून निवासी मुकुल जमलोकी ने। सिविल सेवा परीक्षा में 505वीं रैंक हासिल करने वाले मुकुल के पिता डॉ. ओमप्रकाश जमलोकी दूरदर्शन में कार्यरत हैं। मां इंदु पहले दून में नवोदय विद्यालय में शिक्षिका थीं और अब दिल्ली के सरकारी स्कूल में अध्यापन कर रही हैं। मुकुल ने दून स्थित ब्राइटलैंड स्कूल से हाईस्कूल किया।
उन्होंने नौकरी को अलविदा कहा और जुट गए सिविल सेवा की तैयारी में। रविगांव, फाटा निवासी मुकुल ने पिछले वर्ष 609वीं रैंक हासिल की थी, जिसके बाद उनका चयन भारतीय सूचना सेवा के लिए हुआ था। लाल बहादुर शास्त्री राष्ट्रीय प्रशासनिक अकादमी, मसूरी से फाउंडेशन कोर्स करने के बाद इन दिनों वह दिल्ली में प्रशिक्षण हासिल कर रहे हैं।
यमकेश्वर के वर्णित ने सिविल सेवा में बाजी मारी
लोक सेवा आयोग ने सिविल सेवा परीक्षा में के परिणाम घोषित कर दिए हैं। जनपद पौड़ी के यमकेश्वर प्रखंड अंतर्गत किमसार गांव के मूल निवासी वर्णित नेगी ने सिविल सेवा में 504 वीं रैंक हासिल की है।
यमकेश्वर के किमसार गांव में जन्में वर्णित नेगी के पिता डीएस नेगी इंटर कॉलेज परसदा विलासपुर, छत्तीसगढ़ में प्रधानाचार्य है। मां डॉ. सीमा नेगी राजकीय महाविद्यालय विलासपुर में प्रवक्ता है। डेढ़ साल तक नौकरी करने के बाद वर्णित ने सेवा से इस्तीफा दे दिया। वर्णित ने पिछली बार सिविल सर्विस की प्रारंभिक परीक्षा पास की थी। इस बार उसने 504वीं रैंक हासिल की है। वर्णित अपनी इस सफलता पर खुश तो है, मगर संतुष्ट नहीं है। उनका सपना आइएएस बनने का है। वह देश की सेवा करना चाहता है। अगली बार वह फिर से परीक्षा देगा।