देहरादून: आमतौर पर उत्तराखंड में बारिश सामान्य से अधिक ही रिकार्ड की जाती है। लेकिन, इस बार जो आंकड़े सामने आ रहे हैं। वो परेशान करने वाले हैं। उत्तरकाशी से लेकर देहरादून तक औसत से कम बारिश रिकार्ड की गई है। प्रदेश के छह जिले ऐसे हैं, जहां सूखे जैसे हालात हैं। अगर बारिश नहीं होती है, तो इन जिलों में लोगों को खासकार किसानों को दिक्कतों का सामना करना पड़ सकता है। मौसम विभाग ने मानसून सीजन में कम बारिश के चलते प्रदेश के छह जिलों में सूखे जैसे हालात पैदा होने का खतरा बढ़ गया है। इन जिलों में अब तक सामान्य से 40 फीसदी कम बारिश हुई है। पौड़ी में हालात सबसे ज्यादा खराब हैं। जिले में आधी बारिश भी नहीं हुई। अगर पूरे प्रदेश की बात करें, तो करीब 36 प्रतिश्सत बारिश कम रिकार्ड की गई है।
आंकड़ों के अनुसार 31 जुलाई तक पौड़ी में सामान्य की 40 फीसदी बारिश भी नहीं हुई है। सामान्यतः इन दिनों में पौड़ी में 480.5 मिमी बारिश होनी चाहिए थी। अब तक यहां केवल 225.6 मिमी बारिश ही हुई है। देहरादून में 42 और अल्मोड़ा में 40 फीसदी, चंपावत और उत्तरकाशी में 47, टिहरी में 46 फीसद तक कम बारिश रिकॉर्ड की गई है। रुद्रप्रयाग में 38, हरिद्वार में 37, पिथौरागढ़ और चमोली में 30, बागेश्वर में 22 और नैनीताल और ऊधम सिंह नगर में 12 फीसदी कम बारिश हुई है। पूरे प्रदेश में दो माह के दौरान सामान्य तौर पर 585.5 फीसदी बारिश होनी चाहिए थी। लेकिन अब तक केवल 373.1 फीसदी बारिश ही हुई है।
अमर उजाला के अनुसार जबकि पिछले दो माह में बागेश्वर और नैनीताल जिलों में औसत से अधिक बारिश हुई। बागेश्वर में सामान्य से 21 और नैनीताल में 11 फीसदी अधिक बारिश हुई। सामान्य से अधिक बारिश वाले एकमात्र जिले ऊधमसिंह नगर में इस अवधि में 78 फीसदी कम बारिश हुई। औसत के हिसाब से अब ऊधमसिंह नगर भी सामान्य से 12 फीसद नीचे चला गया है।