देहरादून : उत्तराखंड परिवहन निगम की बसों में चालक और परिचालक की बदसलूकी से संबंधित शिकायतों मिलने के बाद निगम प्रबंधन ने सख्त रुख अपनाया है. जिसके बाद ड्राइवर-कंडक्टर को तहजीब सिखाने की कवायद शुरू कर दी है। एक प्रशिक्षण केंद्र खोला जाएगा जहां यात्रियों से सलीके से पेश आने और तहजीब की ‘पाठशाला’ लगेगी। उम्मीद है कि चालक-परिचालकों के दुर्व्यवहार से निगम को हो रहे घाटे व बदनाम छवि से उबरने में यह कसरत सही साबित हो सकती है।
करीब 1300 नियमित परिचालक व 1000 चालक होने के बावजूद 700 से ज्यादा बसों पर बाहरी स्रोत के चालक एवं परिचालक तैनात रहते हैं। बस में सवारियों के साथ बर्ताव की बात करें तो वही यात्री ठीक जवाब दे सकेंगे, जो निगम की बसों में सफर करते हैं। तीन दिन पहले धारचूला से दिल्ली जा रही बस में चालक व उसके साथी ने युवती से छेड़छाड़ की। मामले में चालक को बर्खास्त कर एआरएम निलंबित कर दिए गए।
सामने आ चुके हैं कई छेड़खानी के मामले
बीते साल मई में गुड़गांव से आ रही वॉल्वो बस में परिचालक ने अपने बगल में बैठी युवती से छेड़खानी की और बस के दून पहुंचने पर यात्रियों को अंधेरे में सुनसान जगह उतारकर बस लेकर फरार हो गया। चालक ने भी उसकी इस हरकत में पूरा साथ निभाया। मामले में परिचालक को सस्पेंड कर दिया गया था। वर्ष 2016 में देहरादून से दिल्ली जा रही एसी बस के परिचालक ने भी मुरादनगर में बस में युवती से छेड़खानी कर जबरदस्ती का प्रयास किया। आइएसबीटी पहुंचने पर युवती ने दिल्ली पुलिस से शिकायत की तो आरोपी चालक-परिचालक को हिरासत में ले लिया गया। दिल्ली रूट पर एसी बस में ही ऐसा दूसरा मामला कुछ दिन बाद फिर प्रकाश में आया था। युवती ने महिला आयोग में पत्र भेजकर परिचालक पर छेड़खानी का आरोप लगाते हुए शिकायत की।
चालक या परिचालक बुजुर्ग-अन्य यात्री से करते हैं बदसलूकी
लगातार कभी चालक या परिचालक किसी बुजुर्ग यात्री से बदसलूकी करते हैं तो कभी किसी से साथ मारपीट। बसों में शराब पीकर ड्यूटी करने की शिकायतें भी नई नहीं हैं। साल 2016 देहरादून से आगरा जा रही एक एसी बस में ऐसा ही मामला सामने आया था। बस नशे में धुत चालक का दोस्त चला रहा था।
एक प्रशिक्षण केंद्र खोलने की कवायद
इन मामलों पर परिवहन निगम चालक-परिचालकों के लिए सूबे में एक प्रशिक्षण केंद्र खोलने की कवायद कर रहा है, ताकि उन्हें सलीके का पाठ पढ़ाया जा सके। इसके अलावा उन्हें देहरादून के झाझरा स्थित इंस्टीट्यूट ऑफ ड्राइविंग व ट्रेनिंग रिसर्च में पांच दिवसीय प्रशिक्षण दिलाने पर विचार भी चल रहा है।
परिवहन निगम के महाप्रबंधक दीपक जैन ने बताया कि परिचालक या चालक द्वारा यात्रियों से दुर्व्यवहार किए जाने की शिकायतें आ रही हैं। इसलिए प्रशिक्षण केंद्र खोलने पर मंथन चल रहा है, जहां चालक-परिचालकों को सलीके का पाठ पढ़ाया जा सके। देहरादून में आइडीटीआर में प्रशिक्षण दिलाने की भी कवायद की जा रही है.