यूपी में आगरा के सरोजिनी नायडू मेडिकल कॉलेज से एमबीबीएस पास कर चुकी युवा महिला डॉक्टर की बेरहमी सेहत्या का सनसनीखेज मामला सामने आया है। पुलिस ने इस केस में डाक्टर के ही एक सहयोगी डाक्टर को गिरफ्तार किया है।
दरअसल पुलिस को आगरा के बमरौली कटारा इलाके के एक खाली प्लाट में एक युवती की लाश मिली। पुलिस ने जब तफ्तीश शुरु की तो खुलासे ने पुलिस के भी होश उड़ा दिए। पुलिस को पता चला कि मरने वाली युवती कोई और नहीं बल्कि एसएन मेडिकल कॉलेज की एमबीबीएस पासआउट डॉक्टर योगिता गौतम है। डॉक्टर योगिता गौतम दिल्ली की रहने वाली थी। योगिता के पिता राजस्थान में डिप्टी कमिश्नर हैं और योगिता के भाई भी डॉक्टर हैं। डॉक्टर योगिता गौतम मंगलवार देर रात से गायब थीं और उनका फोन स्विच ऑफ था। परिजनों का उनसे संपर्क नहीं हो पा रहा था। सुबह डॉक्टर योगिता गौतम के पिता और भाई आगरा पहुंचे। उन्होंने आगरा के थाना एमएम गेट में बेटी के गायब होने का मुकदमा दर्ज कराया। उन्होंने आरोप लगाया कि उरई जालौन मेडिकल कॉलेज का मेडिकल ऑफिसर डॉक्टर विवेक तिवारी उनकी बेटी को लगातार परेशान कर रहा था। वह जान से मारने की धमकी दे रहा था। जानकारी सामने आने के बाद पुलिस ने डौकी थाना क्षेत्र में घटनास्थल के आसपास लगे सीसीटीवी कैमरे को खंगाला तो डॉक्टर योगिता गौतम की मौत से जुड़े सुराग पुलिस के सामने आ गए। पुलिस ने मामले में कार्रवाई करते हुए आरोपी डॉक्टर विवेक तिवारी को हिरासत में ले लिया।
हिरासत मे लेने के बाद विवेक ने जो खुलासा किया वो और खौफनाक था। दरअसल विवेक और योगिता पिछले सात सालों से एक दूसरे के साथ रिलेशन में थे। मंगलवार 18 तारीख को विवेक, योगिता से मिलने के लिए आगरा आया था। योगिता जैसे ही विवेक की कार में बैठी दोनों का किसी बात पर झगड़ा शुरु हो गया। गुस्से में विवेक ने योगिता का गला दबा दिया। योगिता बेसुध हुई तो विवेक को लगा कि अभी वो मरी नहीं है तो विवेक ने कार में रखे एक चाकू की मदद से योगिता को तड़पा तड़पा कर मार डाला। इसके बाद लाश को एक खाली प्लाट में फेंककर भाग गया। विवेक के मुताबिक उसे अपने किए पर अफसोस है और वो इसकी सजा भुगतेगा। वहीं पुलिस ने हत्या में इस्तमाल हुआ चाकू बरामद कर लिया है।
योगिता के जानने वालों की माने तो विवेक लगातार योगिता पर शादी का दबाव बना रहा था लेकिन योगिता लगातार मना कर रही थी। वहीं डाक्टर योगिता इधर बीच अपने कोरोना ड्यूटी में खासी व्यस्त थी। आगरा के कोविड अस्पताल में पहली सिजेरियन डिलेवरी करानी वाली डाक्टर योगिता ही थी।