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हरिद्वार के ऋषिकुल में एक बच्ची के साथ हुए दुष्कर्म और हत्या के मामले का खुलासा करने वाली आईपीएस अधिकारी डॉ. विशाखा अशोक भदाणे (Dr. Vishakha Bhadane) को इस बार भारत सरकार की ओर से मेडल ऑफ एक्सिलेंस इन इंवेस्टिगेशन अवार्ड दिया जाएगा।
आपको बता दें कि 20 दिसंबर 2020 को हरिद्वार के ऋषिकुल मोहल्ले में एक बच्ची के साथ दुष्कर्म कर उसकी हत्या कर दी गई थी।
इस मामले की विवेचना उस समय हरिद्वार में सहायक पुलिस अधीक्षक नगर के पद पर तैनात डॉ. विशाखा अशोक भदाणे ने की थी। डॉ. विशाखा की विवेचना और सबूतों का संग्रहण इतना सटीक रहा कि इस मामले में मुख्य आरोपी रामतीर्थ को उसी दिन गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया।
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बच्ची का शव आरोपी के घर की दूसरी मंजिल से बरामद किया था। पूछताछ में आरोपी ने कबूल किया था कि उसने राजीव के साथ मिलकर बच्ची के साथ दुष्कर्म कर उसकी हत्या कर शव को दूसरी मंजिल पर छिपाकर रख दिया था।
डॉ. विशाखा अशोक भदाणे की विवेचना के आधार पर मासूम से बलात्कार और हत्या के आरोपी को मृत्युदंड की सजा मिली। गृह मंत्रालय, भारत सरकार की ओर से डॉ. विशाखा अशोक भदाणे को उत्कृष्ट विवेचना किए जाने के लिए केंद्रीय गृहमंत्री पदक से सम्मानित किए जाने की घोषणा की है।
कौन हैं डॉ. विशाखा भदाणे?
डॉ. विशाखा अशोक भदाणे मूल रूप से महाराष्ट्र के नासिक की रहने वाली हैं। वो एक सामान्य परिवार से आती हैं। उनके परिजनों ने उन्हे और उनके भाई की परवरिश के लिए काफी संघर्ष किया है। डॉ. विशाखा अशोक भदाणे और उनके भाई ने BAMS किया। उनके पिता ने दोनों बच्चों को उच्च शिक्षा देने के लिए लोन तक लिया। BAMS करने के बाद डॉ. विशाखा अशोक भदाणे ने UPSC की परिक्षा पास की और IPS बनीं।