आस्था डेस्क- नवरात्र का सनातन धर्म में विशेष महत्व है। मां शक्ति के आराधक जहां नो दिनों तक व्रत उपवास रखते हैं वहीं कोशिश करते हैं कि उनसे ऐसा कुछ गलत काम न हो जिससे अर्जित पुण्य का क्षय हो जाए। नवरात्र के पावन पर्व पर भक्तों को कभी ऐसे काम नहीं करने चाहिए जिनसे व्रत के दौरान अर्जित पुण्य खत्म हो जाए। कहते हैं नवरात्र में महिलाओं एवं बुजुर्गो का तिरस्कार नहीं करना चाहिए,असत्य भाषण नहीं करना चाहिए, झगड़ा, क्लेश आदि नही करना चाहिए। गुरु का अपमान नही करना चाहिए जबकि अनुचरों से सद्व्यवहार रखना चाहिए, ब्रह्मचर्य का पालन और माता-पिता की सेवा ,आज्ञा का पालन करना चाहिए। यथाशक्ति गायत्री या गुरु प्रदत्त मंत्रों का जाप नौ दिनों तक करना चाहिए। रामचरित मानस का पाठ करना चाहिए तथा असत्य पर सत्य की जीत का प्रतीक दशहरे का उत्सव मनाना चाहिए