देहरादून- जिले के सबसे बड़े सरकारी दून अस्पताल की हालत उस हाई ब्लड प्रेशर के मरीज सी हो गई है जिसे कहीं भी चैन नहीं आता। आजकल ये हाल हैं कि इसके हर डिपार्टमेंट में अफरा-तफरी का माहौल है। कभी मरीज हंगामा काट रहे हैं तो कभी कर्मचारी अस्पताल प्रशासन पर भड़़क रहे हैं। अस्पताल में हर चीज का टोटा बना हुआ है।
यहां तैनात लैब टैक्निशियन्स का अपना रोना है उनका दुखड़ा है कि लैब में कम मुलाजिम तैनात है जबकि मरीज सोचते हैं कि इनके दस हाथ हैं। आजकल जब से दून मे डेंगू नें दस्तक दी है जिससे हालात और भी ज्यादा खराब हो गए हैं। कर्मचारी भी परेशान हैं तो मरीजों के तीमारदार भी। सुबह से ही पंजीकरण करवाने वालों की लाइन लग जाती है। जब तक डॉक्टर को दिखाने का नंबर आता है तब तक सरकारी अस्पताल में लैब बंद हो जाती है। ऐसे मे कोई करे तो क्या करे।
आलम ये है कि हर चीज की किल्लत बरकरार है। मरीजो को इलाज के लिए अस्पताल में बिस्तर मुहैय्या नहीं हो पा रहे हैं। स्ट्रेचर पर भी डेंगू के मरीजों का इलाज चल रहा है। भीड़ जारी है आस-पास के जिलों के बीमार भी दून ्अस्पताल का रूख कर रहे हैं लेकिन अस्पताल की अपनी सीमा है। जिन्हें समझना चाहिए था उनको 16 साल बाद भी उतना ही समझ आया है जितना उनके लिए जरूरी है, जनता बेचारी क्या समझे उसे तो ईलाज कराना है।