नई दिल्ली: कोरोना से डरने की जरूरत नहीं है। एक डायलाॅग बहुत प्रचलित है।…जो डर गया…वो मर गया। कोरोना से संक्रमित ज्यादातर की मौत डरने और घबराने से हुई है। जिन लोगों ने इसे सामान्य ढंग से लिया और डटकर मुकाबला किया। उन्होंने कोरोना को हरा दिया। दिल्ली के जिसे पहले मरीज में कोरोना की पुष्टि हुई थी। वो संक्रमित होने के 14 दिन बाद पूरी तरह ठीक हो चुका है। ठीक होने के बाद कोरोना संक्रमित मरीज ने कहा कि उसने कोरोना को हरा दिया है। उसने कहा कि जब मैं कोरोना को हरा सकता हूं तो कोई भी हरा सकता है।
उनका कहना है कि पहले मुझे जरूर खबरें पढ़कर कोरोना खतरनाक लग रहा था, लेकिन अब मैं ठीक होकर घर आ गया हूं। न ज्यादा गोलियां खाईं न ज्यादा तनाव में रहा। 25 फरवरी को जब वे इटली से वापस आए थे तो उन्हें बुखार हुआ था लेकिन डॉक्टर ने उन्हें दवा देकर घर भेज दिया था। इसके बाद 28 फरवरी को बच्चे की पार्टी होटल हयात में थी।
पार्टी से लौटकर जब वे घर आए तो काफी बुखार आया। उस वक्त इटली में कोरोना से जुड़ी खबरें आ रही थीं तो 29 फरवरी को वे आरएमएल अस्पताल जांच कराने पहुंचे। जहां रिपोर्ट में संक्रमण की पुष्टि हुई। डॉक्टरों ने उन्हें काफी हिम्मत दी। फोन से वीडियो कॉल करते थे। स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन से भी उन्होंने वीडियो कॉल के जरिए बात की थी। 14 दिन बाद जब रिपोर्ट निगेटिव आई तो उनकी खुशी का ठिकाना ही नहीं रहा।