डॉल्फिन (पी.जी.) इंस्टिट्यूट ऑफ बायोमेडिकल एंड नेचुरल साइंसेज़, देहरादून में सोमवार को तीन दिवसीय राष्ट्रीय कार्यशाला “स्टेलर एंड सोलर फिज़िक्स” की शुरुआत हुई। इस कार्यशाला का उद्घाटन संस्कृत शिक्षा विभाग के सचिव दीपक कुमार गैरोला ने किया। यह कार्यक्रम दून विश्वविद्यालय के सहयोग से आयोजित किया जा रहा है, जिसमें देशभर से खगोल वैज्ञानिक, शिक्षक और शोधार्थी भाग ले रहे हैं।
डॉल्फिन इंस्टिट्यूट में शुरू हुई तीन दिवसीय राष्ट्रीय कार्यशाला
उद्घाटन समारोह में दीपक गैरोला ने कहा कि आकाश विद्यार्थियों की सीमा नहीं, बल्कि उनकी प्रयोगशाला है। डॉल्फिन इंस्टिट्यूट की प्राचार्य डॉ. शैलजा पंत ने अपने संबोधन में कहा कि यह कार्यशाला युवाओं को अंतरिक्ष विज्ञान की गहराई को समझने का सुनहरा मौका देगी। कार्यशाला संयोजक डॉ. आशीष रतूड़ी ने बताया कि यह आयोजन नई शिक्षा नीति 2020 के तहत अंतरविषयी शिक्षा और खगोल जागरूकता को बढ़ाने की दिशा में एक कदम है।
सितारों और सूरज के रहस्यों पर होगा मंथन
पहले दिन वैज्ञानिक डॉ. अनुपम भारद्वाज (आईयूसीएए, पुणे), डॉ. सौरभ शर्मा और डॉ. वीरेंद्र यादव (एरीज़, नैनीताल) समेत कई विशेषज्ञों ने सौर गतिविधियों, तारों के निर्माण और ब्रह्मांड के रहस्यों पर व्याख्यान दिए। शाम को प्रतिभागियों के लिए दूरबीन से आकाशीय पिंडों का अवलोकन सत्र भी रखा गया। यह कार्यशाला 8 अक्टूबर तक चलेगी। इसमें सौर आंकड़ों के विश्लेषण, तारों की संरचना और खगोल शिक्षा पर खास तकनीकी सत्र होंगे।