डेस्क- भारत, भूटान चीन सीमा के विवादग्रस्त क्षेत्र डोकलाम में जमा हुआ है। मीडिया रिपोर्ट्स की माने तो आज की ताजा स्थिति ये है कि दोनों देशों की 60-70 सैनिकों की टुकड़ी मौके पर आमने सामने डटी है। ये सैन्य टुकड़ियां महज 100 मीटर की दूरी पर आमने-सामने टिकी हैं। मतलब स्थिति तनावपूर्ण है लेकिन भारत भूटान की हिफाजत के लिए सीना ठोक के डोकलाम में डटा है।
गौरतलब है कि, भूटान की धरती पर यह पहली बार है कि भारत ने इस प्रकार का कड़ा रुख अपनाया है। इससे पहले 1986 में सुंदरम स्थान पर दोनों देश की सेनाएं सबसे ज्यादा दिनों तक एक दूसरे के सामने जमीं रहीं। हालांकि खबर ये भी आ रही है कि 26 जुलाई को भारतीय एनएसए अजित डोभाल ब्रिक्स देशों के एनएसए की बैठक में हिस्सा लेने जा बीजिग जा रहे हैं।
माना जा रहा है कि वे वहां पर अपने समकक्ष से बातचीत कर सकते हैं। हालांकि अभी यह तय नहीं है कि डोभाल उनसे अलग से मिलेंगे। बहरहाल तब तक माना जा रहा है कि दोनों देशों के बीच इस मसले पर तल्खी के बादल छटनें की उम्मीद नहीं है।
चीन के साथ भूटान के क्षेत्र डोकलाम पर चल रहे विवाद में भारत की ओर से स्पष्ट संकेत हैं कि वह पीछे नहीं हट सकता। इस मुद्दे पर भारत का स्टैंड साफ है। वहां पर चीन को सड़क बनाने नहीं दिया जाएगा। भारत इस मामले को रणनीतिक तौर पर डील कर रहा है।
संसद में मुद्दा उठेगा. विपक्ष यह मुद्दा उठाएगा. भारत की ओर से केवल विदेश मंत्रालय ही बयान देगा। उल्लेखनीय है कि चीन के काफी बयान के बाद ही विदेश मंत्रालय की ओर से लिखित बयान जारी किया गया था। इस में चीन के आरोप का जवाब दिया गया. वहीं, चीन के ओर से साफ कर दिया गया है कि जब तक भारत अपनी सेना नहीं हटाएगा तब तक कोई बातचीत नहीं होगी. जिस जगह पर विवाद हो रहा है, वहां पर भारत की अच्छी रणनीतिक पोजिशन है।
गृहमंत्री राजनाथ सिंह की अध्यक्षता में हुई सर्वदलीय बैठक में विदेश सचिव एस जयशंकर ने इसके सामरिक और रणनीतिक महत्व को बताते हुए सभी को स्थिति स्पष्ट कर दी. वहीं रक्षा मंत्रालय के सूत्रों का कहना है कि जरूरत पड़ी तो डोकलाम में भारत और सेना भेजने के लिए तैयार है. ऐसे में भारत और चीन के बीच दोकलम पर चल रही तनातनी के कुछ दिन चलने के आसार हैं।
रक्षा विभाग के सूत्रों का कहना है कि जब तक चीन के सैनिक सड़क निर्माण से पीछे नहीं हटते, भारतीय सैनिक नॉन काम्बैट मोड में डोकलाम में डटे रहेंगे। गौरतलब है कि,डोकलम भूटान का भूभाग है। भारत ने भूटान को उसके सीमाक्षेत्र की सुरक्षा की गारंटी दे रखी है।
मौजूदा समय में भारतीय सेना भूटान के क्षेत्र में डोकलम में जमी हुई है। यह सीमा चीन से लगती है और चीन इसे अपना हिस्सा बताता है। जबकि भूटान का दावा है कि डोकलाम उसका अपना भू-भाग है। इसको लेकर दोनों देशों में विवाद सुलझने तक यथास्थिति बनाए रखने के लिए 1988 और 1998 में दो बार समझौता भी हुआ था। इस विवाद को सुलझाने के लिए चीन और भूटान में वार्ता चल रही थी।
इस दौरान चीन के सैनिकों ने पिछले साल की तरह इस बार डोकलम में सड़क निर्माण का कार्य शुरू कर दिया। चीनी सैनिक अचानक साजो-सामान लेकर आए और सड़क मार्ग बनाने में जुट गए। भूटान के सैनिकों ने इसका प्रतिरोध किया, लेकिन सफल नहीं हो पाए। तब उन्होंने भारतीय सेना को इसकी सूचना दी और सेना ने चीन के सैनिकों को निर्माण कार्य करने से रोक दिया है। जून के महीने से ही भारतीय सैनिक डोकलम क्षेत्र में अस्थाई तंबू गाड़कर डटे हुए हैं।