अंकिता भंडारी हत्याकांड और उसका राजनीतिकरण इन दिनों खूब चर्चाओं में है। सूबे में विपक्ष न्याय व्यवस्था पर भी सवाल खड़े करते हुए सरकार को घेर रहा है। तो वहीं बीजेपी के नेता ब्लैकमेलिंग की राजनीति ना करने और न्यायालय पर विश्वास रखने की सलाह दे रहे हैं।
अंकिता भंडारी हत्याकांड को लेकर सरकार गंभीर
अंकिता भंडारी हत्याकांड को लेकर विपक्ष के द्वारा सरकार पर गंभीर आरोप लगाए जा रहे हैं। बीते दिनों कांग्रेस ने प्रदेशभर में अंकिता हत्याकांड में सामने आए कथित वीआईपी के नाम पर कार्रवाई की मांग करते हुए प्रदर्शन भी किए। विपक्ष दोषी को फांसी की सजा दी जाने की मांग कर रहा है।
सोशल मीडिया पर भी एक अलग ही जंग सरकार के खिलाफ छिड़ी हुई है। जिस पर बीजेपी विधायक विनोद चमोली ने तीखी प्रतिक्रिया देते हुए कहा है कि विपक्ष न्यायालय और कानून व्यवस्था की विश्वास नहीं कर रहा हैं। इसके सात ही सोशल मीडिया पर ब्लैकमेलिंग की जा रही है जिस से मामले को भटकाया जा सके।
पहले ही दिए जा चुके हैं सख्त कार्रवाई के निर्देश
बीजेपी विधायक विनोद चमोली ने कहा कि अंकिता भंडारी हत्याकांड पर सरकार के द्वारा पहले ही सख्त कार्रवाई के निर्देश दिए गए हैं। लेकिन इसके बावजूद विपक्ष को न्याय प्रक्रिया पर विश्वास ना होना बताता है कि विपक्ष अंकिता हत्याकांड के साथ किस प्रकार से खिलवाड़ कर रह रहा है।
उन्होंने कहा कि सरकार महिला सुरक्षा को लेकर गंभीर कदम उठा रही है। लेकिन कुछ विपक्षी दलों और दबाव की राजनीति करने वाले कुछ लोगों को ये नजर तक नहीं आ रहा है। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि क़ानून के जानकार बताते हैं कि जब मामला न्यायालय में विचाराधीन है तो सब्र करने की ज़रूरत है जिससे कोर्ट में सभी सुने जा सकें।
जिस दिशा में होनी चाहिए थी जांच उस दिशा में नहीं हो रही
मामले की गंभीरता को देखते हुए राज्य पुलिस भी एक्शन में दिखाई दे रही है। पुलिस प्रवक्ता आईजी निलेश आनंद भरणे ने कहा कि अगर वीआईपी के नाम को लेकर सटीक जानकारी और सबूत हों तो एसआईटी को उपलब्ध कराए जाएं। जिससे आरोपी पर जल्द से जल्द कार्रवाई हो सके। पुलिस के सबूत पेश करने वाली बात पर कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष करन माहरा का कहना है कि अंकिता भंडारी मामले में जांच जिस दिशा में होनी चाहिए थी उस दिशा में नहीं हो रही है।