देहरादून: तारीख का जिक्र आते ही अदालत की तारीखों का ख्याल आने लगता है। लेकिन, हम यहां अदालत की नहीं, अस्पताल की तारीखों की बात कर रहे हैं। दिल्ली के सबसे बड़े सफदरगंज अस्पतला में ऐसा ही एक मामला सामने आया है। अस्पताल में भर्ती महिला को डाॅक्टरों ने एमआरआई के लिए एक महीने की तारीख दी, लेकिन उससे पहले ही महिला की मौत हो गई। दून मेडिकल काॅलेज खासकर महिला चिकित्सालय में गर्भवती महिलाओं को अल्ट्रासाउंड के लिए दो-से तीन माह बाद तक की डेट दी जाती है।
दून महिला अस्पताल में अल्ट्रासाउंड के लिए अक्सर गर्भवती महिलाओं को डेट दे दी जाती है। एमआरआई मशीन ज्यादातर दिन खराब ही रहती है। वहां भी कई दिनों बाद नंबर आता है। जिससे लोगों को दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। मजबूरी में लोगों को बाहर से एमआरआई और अल्ट्रासांड कराना पड़ता है।
जहां तक दून महिला अस्पताल की बात है, लंबी डेट मिलने के कारण 100 में से 95 लोग बाहर से अल्ट्रासांड करा लेते हैं। जिसके लिए लोगों को 1500 से 1700 तक खर्च करने पड़ते हैं। दरअसल, दून महिला अस्पताल में देहरादून ही नहीं। उत्तराखंड के प्रत्येक जिले से लोग उपचार के लिए आते हैं। जिनको भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है।