हरिद्वार: जिले में शिक्षा विभाग और बैंकों की लारवाही नौनीहालों पर भारी पड़ रही है। जिले में 30 हजार बच्चों के बैंक खाते नहीं खुल पाए हैं। इसके चलते उनको डीबीटी योजना का फायदा नहीं मिल पा रहा है। पैसे नहीं मिल पाने के कारण बच्चे किताबें नहीं खरीद पा रहे हैं। बैंकों की मानें तो अब बगैर पैन कोर्ड के बैंक खाता नहीं खोला जाएगा, लेकिन सवाल यह है कि कक्षा एक में पढ़ने वाले बच्चे का पैन कार्ड कैसे बनेगा। डीएम दीपक रावत ने निर्देश दिए थे, लेकिन बैंकों ने उनको नहीं माना।
30 हजार बच्चों को किताबें नहीं मिल पाने के कारण अधिकारी खासे परेशान हैं। सरकारी स्कूलों में कक्षा एक से लेकर कक्षा आठ तक के बच्चों को किताबें दी जाती हैं। पहले बच्चों को स्कूल से ही किताबें दिए जाने की व्यवस्था थी, लेकिन पिछले साल योजना में बदलाव कर बच्चों के बैंक खातों में पैसा भेजने की व्यवस्था शुरू की गई, ताकि बच्चा या उसके अभिभावक बैंक से पैसे निकालकर किताबें खरीद सकें।
ठसको लेकर बच्चों के खाते भी खुलवाए गए। लेकिन, अब भी हजारों बच्चे खाते खुलने की राह देख रहे हैं। नया सत्र शुरू हुए दो माह हो चुके हैं। लेकिन, किताबें नहीं होने के कारण बच्चों को बगैर किताब ही स्कूल जाना पड़ रहा है। इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि बच्चे कैसे पढ़ाई कर पा रहे होंगे।