देहरादून : शहर में लगातार बढ़ रहे भिखारी की संख्या में कमी लाने के लिए पुलिस प्रशासन द्वारा आपरेशन मुक्ति अभियान चलाया गया. यह अभियान 1 मई से 30 जून तक यानी की दो महीने तक चलाया गया जिसमे शहर मे घूम रहे भिखारी बच्चों को लेकर भिक्षा नही शिक्षा दो एक जागरूकता अभियान चलाया गया जिसके लिये पुलिस प्रशासन द्वारा टीम का गठन किया गया था. टीम के द्वारा आपरेशन मुक्ति में 292 बच्चो का सत्यापन किया गया और 68 का स्कूलों मे दाखिला दिया गया. इस पर डीजीपी अनिल कुमार रतूडी की मानें तो अभी इस कार्य की शुूरूवात की गई है और आगे भी स्वयं सहायता समूह व अन्य सामाजिक संगठनो के द्वारा इस आगे भी कार्य किया जायेगा।
प्रत्येक टीम में 01 महिला कर्मी को अनिवार्य रूप से नियुक्त किया गया
वहीं पुलिस मुख्यालय में आज डीजीपी अनिल के रतूड़ी की अध्यक्षता में समीक्षा गोष्ठी का आयोजन किया गया, जिसमें अभियान के नोडल अधिकारी शेखर सुयाल, क्षेत्राधिकारी नगर, देहरादून द्वारा अभियान के सम्बन्ध में प्रस्तुतीकरण के माध्यम से बताया गया कि अभियान में एण्टी ह्यूमन ट्रैफिकिंग यूनिट हरिद्वार, कोटद्वार , उत्तरकाशी से 01 उपनिरीक्षक और 1 हेड कांस्टेबल/कांस्टेबल, हल्द्वानी, बनबसा व पिथौरागढ़ से 02 हे0का0/का0 व एण्टी ह्यूमन ट्रैफिकिंग यूनिट विकासनगर, देहरादून में नियुक्त समस्त अधिकारी और कर्मचारी को नियुक्त करते हुए 04 टीमों का गठन किया गया, जिसमें प्रत्येक टीम में 01 महिला कर्मी को अनिवार्य रूप से नियुक्त किया गया।
आपको बता दें कि ये अभियान जनपद देहरादून शहर के दर्शन लाल चौक, परेड़ ग्राउंड से एस्ले हॉल, आई0एस0बी0टी0, रिस्पना पुल, पैसिफिक मॉल, रेलवे स्टेशन, दिलाराम चौक, प्रिंस चौक से रेलवे स्टेशन, बल्लूपुर चौक आदि महत्वपूर्ण स्थानों पर चलाया गया जहां पर बच्चों द्वारा भिक्षावृत्ति की जाती है।
अभियान को निम्न तीन चरणों में विभक्त किया गया
प्रथम चरणः 1 मई से 15 मई तक, भिक्षावृत्ति में लिप्त बच्चों और उनके परिवारों का विवरण तैयार करना
द्वितीय चरणः 16 मई से 15 जून तक देहरादून शहर में समस्त स्कूल, कॉलेजों, सार्वजनिक स्थानों, महत्वपूर्ण चौराहों, सिनेमाघरों, बस व रेलवे स्टेशनों, धार्मिक स्थलों आदि महत्वपूर्ण स्थानों, पर बच्चों को भिक्षा न दिये जाने के सम्बन्ध में जागरूकता अभियान चलाना तथा भिक्षावृत्ति में लिप्त बच्चों के परिवार वालों को भिक्षावृत्ति न करने व कौशल विकास के सम्बन्ध में जागरूक करना।
तृतीय चरणः 16 जून से 30 जून तक, भिक्षावृत्ति में लिप्त बच्चों को भिक्षावृत्ति से हटाकर उनके परिजनों के विरूद्ध अभियोग पंजीकृत कर कार्यवाही करना तथा किसी भी प्रकार का संदेह होने पर डीएनए टेस्ट की कार्यवाही करना।
पहले चरण में 292 बच्चों का विवरण तैयार किया गया
अभियान के प्रथम चरण में भीख मांगने, कूड़ा बीनने, गुब्बारा बेचने आदि कार्यों में लगे कुल 292 बच्चों का विवरण तैयार किया गया है। अभियान के द्वितीय चरण में समस्त स्कूल कॉलेजों, सार्वजनिक स्थानों, महत्वपूर्ण चौराहों, सिनेमाघरों, बस व रेलवे स्टेशनों, धार्मिक स्थलों आदि स्थानों पर बच्चों को भिक्षा न दिये जाने के सम्बन्ध में बैनर पोस्टर, पम्पलेट, नुक्कड़ नाटक, धार्मिक स्थलों मे लाउड स्पीकर, सिनेमा घरों में शोर्ट मूवी, सोशल मीडिया आदि के माध्यमों से जागरूकता अभियान चलाकर तथा भिक्षावृत्ति में लिप्त परिवारों को भिक्षावृत्ति न कराने/करने व कौशल विकास के सम्बन्ध मे जागरूक किया गया।
अभियान में कुल 68 बच्चों का भिन्न-भिन्न विद्यालयों में दाखिला करवाया गया
अभियान के तृतीय चरण में अभियान के दौरान भिक्षावृत्ति करने वाली 03 महिलाओं के विरूद्ध अभियोग पंजीकृत करवाया गया। ऑपरेशन मुक्ति की टीमों द्वारा अभियान में कुल 68 बच्चों का भिन्न-भिन्न विद्यालयों में दाखिला करवाया गया है, जिनमें से 01 दिव्यांग बच्चे राजू उम्र-11 वर्ष का NIVH और 67 बच्चों का सरकारी विद्यालयों में दाखिला करवाया गया है। माह जून में विद्यालयों में अवकाश होने के कारण बच्चों के पुनः भिक्षावृत्ति में लिप्त होने की सम्भावना के दृष्टिगत ऑपरेशन मुक्ति की टीमों द्वारा बच्चों को विभिन्न स्थानों पर पढ़ाई करवायी गयी।
टीम प्रभारी उनि राकेश भट्ट और उपनिरीक्षत विनिता चौहान को किया सम्मानित
वहीं गोष्ठी में सराहनीय कार्य करने वाले टीम प्रभारी उनि राकेश भट्ट और उपनिरीक्षत विनिता चौहान को उत्साह वर्धन के लिए प्रशस्ति पत्र प्रदान किया गया और अभियान में विद्यालयों में दाखिल किये गये बच्चों को सहायता प्रदान करने वाले एनजीओ मंगलम, अपना परिवार, RED FM से RJ काव्य, उत्तराखण्ड ग्रामीण बैंक के प्रबंधक सुदामा प्रसाद जायसवाल, सामजिक कार्यकर्ता प्रतिभा नैथानी व एनआईवीएच की प्रधानाचार्य गीतिका माथुर को स्मृति चिन्ह तथा बच्चों को पुलिस महानिदेशक, उत्तराखण्ड द्वारा उपहार प्रदान किया गया।
गोष्ठी में अशोक कुमार महानिदेशक, अपराध एवं कानून व्यवस्था, उत्तराखण्ड, दीपम सेठ महानिरीक्षक, अपराध एवं कानून व्यवस्था, उत्तराखण्ड, रिधिम अग्रवाल उपमहानिरीक्षक, अपराध एवं कानून व्यवस्था, उत्तराखण्ड, निवेदिता कुकरेती वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक, देहरादून, ममता बोहरा अपर पुलिस अधीक्षक, अपराध एवं कानून व्यवस्था, उत्तराखण्ड, गैर सरकारी संगठन के सदस्य, ऑपरेशन मुक्ति के टीम प्रभारी व समस्त सदस्य, दाखिला कराये गये बच्चे उपस्थित रहे।