रुड़की- भले ही प्रशासनिक अधिकारी पॉलीथिन की कंपनियों पर रोक ना लगा पा रहें हो. लेकिन जनपद हरिद्वार के जिला अधिकारी दीपक रावत और उनकी टीम ने एक बाइक सवार पति-पत्नी को पोलोथिन में सब्जी लाने की एवज में 4400 रुपये का चालान काट कर अपने कर्तव्य का पालन तो कर दिया, लेकिन यह नहीं सोचा की उनके पास आखिरकार आय का क्या साधन होगा. क्योंकि जब जिला अधिकारी के लोगों ने उसकी तलाशी ली तो उसकी जेब से पैंतालीस सो रुपये निकले. जिसमें से सौ रुपये बाइक सवार पर दया कर वापस कर दिए गए और बाकी के 4400 रुपये उन्होंने सरकारी खाते में जमा करा दिए.
इस मामले को लेकर बाइक वाले व्यक्ति ने डीएम दीपक रावत और उनक टीम से काफी मिन्नतें की, लेकिन पर उन्होंने उसकी एक न सुनी.
हुआ यूं की जिला अधिकारी रुड़की आ रहे थे. जैसे ही उनका काफिला मलकपुर चुंगी पर पहुँचा तो डीएम दीपक रावत की नज़र एक बाइक सवार पर पड़ी. जो अपनी पत्नी को बैठा कर पॉलोथिन में सब्जी लेकर जा रहा था.
पॉलीथीन उपयोग करने पर चालान करने का आदेश
देखते ही डीएम दीपक रावत ने अपनी टीम को व्यक्ति का पॉलीथीन उपयोग करने पर चालान करने का आदेश दिया. इस दौरान टीम ने व्यक्ति की तलाशी ली. तलाशी में उसकी जेब में पैंतालीस सौ रुपये थे. जिसमें उसे सौ रुपये वापस कर बाकी चवालीस सौ रुपये उस जुर्माने के तौर पर रख लिए.
गरीब को बनाते हैं निशाना, फेक्ट्री मालिकों पर नहीं चलता जोर
मामले को लेकर मोके पर मौजूद लोगों में काफी रोष देखने को मिला. लोगो का कहना है कि प्रशासनिक अधिकारी भी गरीब व आम लोगों को ही अपना निशाना बनाते हैं. जबकि पोलोथिन फेक्ट्री मालिकों पर इनका कोई ज़ोर नहीं चलता.