देहरादून : डीएम दीपक रावत अपने दबंग अंदाज के लिए जाने जाते हैं आए दिन छापेमारी को लेकर वो चर्चाओं में रहते हैं और डीएम दीपक रावत के वीडियो भी सोशल मीडिया में खूब वायरल होते हैं और पसंद की जाती है. इन दिनो डीएम दीपक रावत का एक वीडियो वायरल हो रहा है जो की उनके पेज में भी पोस्ट की गई है.
पुलिस के हवाले कर सकते थे डीएम, क्या ये है पब्लिकली स्टंट
जिसमें एक व्यक्ति जो की बुलेट लिए है को रास्ते में रोक लेते हैं और हजारों सवाल करते हैं. लेकिन किसी राह चलते आदमी को रोककर संदिग्ध कहना किसी की भी ईगो को हर्ट कर सकता है. अगर वो चाहते तो उसको पुलिस के हवाले कर देते और पुलिस अपने हिसाब से पूछताछ करती लेकिन किसी भी राह चलते को इस तरीके के शब्दों का प्रयोग करना और सवालों में उलझा कर यहां से वहां ले जाना थोड़ा अजीब है. हम ये नहीं कह रहे की वो गलत हैं और उनकी इस तरीके की कार्रवाई गलत है लेकिन बड़े स्तर के अधिकारियों और ऊंची गद्दियों पर बैठे लोगों पर शिकंजा कसें तो मानें. इसे काफी हद तक कई लोग पब्लिकली स्टंट मानते हैं.
छोटे स्तर औऱ छोटे व्यापारी होते हैं परेशान, हो रहा अवैध खनन का कारोबार
अक्सर देखा गया है डीएम की छापेमारी गरीब और छोटे स्तर तक की होती है जिससे आम जनता परेशान होती है. बात करें ठेलीवाले, सब्जी वाले,फल वाले और खोके की दुकान चलाने वालों की तो अधिकतर डीएम इन्हीं के स्तर के लोगों पर छापेमारी करते दिखते हैं. बात करे पॉलिथीन बैन की तो पॉलिथीन फैक्ट्रियों की जगह और गोदामों में छापेमारी करने की जगह डीएम छोटे स्तर के लोगों को परेशान करते है औऱ उनका चालान कटवाते हैं. हरिद्वार में बड़े स्तर पर खनन का कारोबार चल रहा है वहां जाकर तो डीएम ने कभी अचानक छापेमारी नहीं की.
जरुरत है तो पहले बड़े स्तर के अधिकारियों पर शिकंजा कसने की. बात करें पॉलिथीन तो सबसे ज्यादा जरुरत है पॉलिथीन गोदामों को फैक्ट्रियों पर शिकंजा कसने की