मंगलदीप विद्या मंदिर में पढ़े दिव्यांग सुमित बचपन में शाररिक रूप से तो कमजोर थे ही। मानसिक रूप से भी ठीक नहीं थे। बावजदू सुमित ने अच्छे नंबरों से 12वीं की परीक्षा पास की। दुगालखोला निवासी सुमित की शादी की चिंता उनके परिजनों को सता रही थी। दिव्यांग बेटे को लेकर काफी चिंतित भी रहते थे। सुमित की तरह ही खोल्टा गांव की रहने वाली दीपा के पिरवार वालों को भी दीपा की शादी की चिंता सता रही थी। दीपा कानों से सुनती नहीं हैं। रिश्ते भी नहीं मिल पा रहे थे। दीपा पढ़ाई में तो ठीक हैं ही, कढ़ाई-बुनाई में भी एक्सपर्ट है।
दिव्यांगों की इस शादी को लेकर दोनों परिवारों की मुलाकात हुई। चूंकि दोनों एक ही स्कूल में पढ़ते थे, इस नाते परिवार एक-दूसरे को पचानते थे। दोनों परिवारों के बीच छह माह से रिश्ते की बात चल रही थी। दोनों परिवार दिव्यांगों की शादी को दिव्य बनाना चाहते थे। तय किया गया कि दोनों की शादी चितई ग्वल देवता मंदिर में होगी। एक दिन पहले सुमित और दीपा की शादी संपन्न हो गई।