सुप्रीम कोर्ट से तलाक अमान्य घोषित होने के बाद पति के घर लौट जाने के सवाल पर सायरा ने कहा कि रिजवान ने एक साल पहले इलाहाबाद दरियाबाग निवासी एक महिला से दूसरा विवाह कर लिया है। ऐसे में अब रिजवान के पास लौट जाने का कोई उनका कोई विचार नहीं है। उसकी लड़ाई उन महिलाओं के अधिकारों को लेकर होगी, जो समझौते के बाद अपने पतियों के पास लौट जाना चाहती है। हलाला की रूढ़िवादी परंपरा के चलते उनका घर नहीं बस पा रहा है।
हेमपुर डिपो में सायरा का अभिनंदन 25 को
काशीपुर। याचिका कर्ता सायरा बानो बुधवार को दिन भर फोन रिसीव करने में व्यस्त रहीं। इस उपलब्धि के लिए सायरा को बधाई देने वालों का तांता लगा रहा। पिता मोहम्मद इकबाल ने बताया कि आरटीसी हेमपुर डिपो में 25 अगस्त को सायरा के अभिनंदन का कार्यक्रम रखा गया है। इसके अलावा तमाम स्वयंसेवी संस्थाओं के पदाधिकारियों ने सायरा के इस कदम की सराहना की है।
सायरा ने माना, उनकी स्क्रिप्ट फिल्मी
सायरा का कहना है कि विवाह के बाद से सुप्रीम कोर्ट के फैसले तक उसने पल-पल दंश झेला है। वह मानती हैं कि उनकी जीवन की कहानी व रूढ़िवाद के विरोध में उसका संघर्ष फिल्मकार को अच्छी स्क्रिप्ट दे सकता है। यदि उसकी रीयल लाइफ रील लाइफ का हिस्सा बनी तो इससे रूढ़िवाद और धार्मिक आडंबर के खिलाफ समाज जागरूक होगा।