Big News : इस राज्य में बना "दिशा बिल", दुष्कर्मी को 21 दिन में मिलेगी सजा-ए-मौत - Khabar Uttarakhand - Latest Uttarakhand News In Hindi, उत्तराखंड समाचार

इस राज्य में बना “दिशा बिल”, दुष्कर्मी को 21 दिन में मिलेगी सजा-ए-मौत

Reporter Khabar Uttarakhand
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breaking uttrakhand newsआंध्र प्रदेश : आंध्र प्रदेश विधानसभा ने आंध्र प्रदेश दिशा बिल, 2019 यानि आंध्र प्रदेश आपराधिक कानून (संशोधन) अधिनियम 2019 को पास कर दिया है। विधेयक के तहत दुष्कर्म और सामूहिक दुष्कर्म करने वाले अपराधियों को 21 दिनों के अंदर ट्रायल पूरा करके मौत की सजा दी जा सकेगी। इसके अनुसार ऐसे मामलों में जहां संज्ञान लेने लायक साक्ष्य उपलब्ध हों, उसकी जांच सात दिनों में और ट्रायल को 14 कार्यदिवसों में पूरा करना होगा। वर्तमान में दुष्कर्म के आरोपी को एक निश्चित जेल की सजा दी जाती है जो बढ़कर उम्र कैद या मौत की सजा तक हो सकती है। दिशा विधेयक के तहत दुष्कर्म के मामलों में जहां पर्याप्त निर्णायक सबूत होंगे उनमें अपराधी को मौत की सजा दी जाएगी। यह प्रावधान भारतीय दंड संहिता, 1860 की धारा 376 में संशोधन करके दिया गया है।

ये भी प्रावधान

विधेयक ने फैसला सुनाने की समयसीमा को मौजूदा चार महीने से घटाकर 21 दिन कर दिया है। इस कानून में भारतीय दंड संहिता की धारा 354(ई) और 354 (एफ) को भी रखा गया है। 354 (एफ) धारा में बाल यौन शोषण के दोषियों के लिए दस से 14 साल तक की सजा का प्रावधान है। अगर मामला बेहद गंभीर और अमानवीय है तो उम्र कैद की सजा भी दी जा सकती है। सोशल या डिजिटल मीडिया के जरिए होने वाले शोषण के मामले में आरोपी को पहली बार दो साल और दूसरी बार चार साल की सजा दी जा सकती है।

ये हैं दिशा

हैदराबाद में 27 नवंबर को एक महिला पशु चिकित्सक के साथ चार हैवानों ने दरिदंगी के बाद हत्या करके, शव को आग लगा दी थी उसे लोगों ने दिशा नाम दिया गया था। उसकी पंक्चर स्कूटी को ठीक करने में मदद का बहाना करके आरोपियों ने उसका अपहरण किया और फिर हैवानियत की। अगले दिन महिला का अधजला शव राष्ट्रीय राजमार्ग-44 पर शादनगर के पास एक अंडरपास में मिला था। जांच से पता चला था कि आरोपियों ने उसकी स्कूटी पंक्चर करके उसके अपहरण की योजना बनाई थी।

अपराधियों के लिए बनेगी रजिस्ट्री

भारत सरकार ने नेशनल रजिस्ट्री ऑफ सेक्शुअल ऑफेंडर्स का एक डाटाबेस शुरू किया था जो डिजिटाइज्ड नहीं है और न ही लोग इसे देख सकते हैं। वहीं दिशा विधेयक में राज्य सरकार एक रजिस्टर बनाएगी जो इलेक्ट्रॉनिक प्लेटफार्म होगा और इसे वूमेन एंड चिल्ड्रन ऑफेंडर्स रजिस्ट्री नाम दिया गया है। यह रजिस्ट्री सार्वजनिक होगी और कानूनी एजेंसियां इसे देख सकेंगी।

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