प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने Pariksha Pe Charcha के 7वें संस्करण में देशभर के छात्रों, अभिभावकों और शिक्षकों से बातचीत की। करीब पौने दो घंटे तक पीएम सर की मेगा क्लास में बच्चों को परीक्षा में बेहतर प्रदर्शन से लेकर बेहतर नागरिक बनने के गुर मिले। पीएम ने बच्चों के साथ-साथ उनके माता-पिता और शिक्षकों से भी बात की। पीएम मोदी ने बेहद सरल और मजेदार अंदाज में बच्चों के हर एक सवाल का जवाब दिया। कैसे बोर्ड परीक्षा की तैयारी की जाए, टाइम मैनेजमेंट कैसे हो, मोबाइल के दुष्प्रभाव से कैसे बचाया जाए। इस सभी सवालों का जवाब पीएम मोदी ने दिया। उन्होनें ये भी बताया कि वो कैसे इतने पॉजिटिव रहते हैं और पीएम मोदी के रुप में आने वाली चुनौतियों का सामना कैसे करते हैं। परीक्षा पे चर्चा की ये 10 बातें हर एक छात्र, अभिभावक और शिक्षक को जरुर जाननी चाहिए।
Pariksha Pe Charcha: कैसे झेलें परीक्षा का प्रेशर
एक छात्र ने पीएम मोदी से पूछा कि वो परीक्षा और सिलेबस के प्रेशर को कैसे हैंडल करें। इसके जवाब में पीएम ने कहा, हमें किसी भी प्रेशर को झेलने के लिए खुद को सामर्थ्यवान बनाना चाहिए। दवाब को हमें अपने मन की स्थिति से जीतना जरुरी है। किसी भी प्रकार की बात हो, हमें परिवार में भी चर्चा करनी चाहिए।
दूसरों से कंपटीशन नहीं प्रेरणा लीजिए
पीएम मोदी ने कहा, आपके दोस्त से आपको किस चीज की स्पर्धा है? मान लीजिए 100 नंबर का पेपर है। आपका दोस्त अगर 90 नंबर ले आया तो क्या आपके लिए 10 नंबर बचे? आपके लिए बी 100 नंबर हैं। आपको उससे स्पर्धा नहीं करनी है आपको खुद से स्पर्धा करनी है….उससे द्वेष करने की जरुरत नहीं है। असल में वो आपके लिए प्रेरणा बन सकता है। अगर यही मानसिकता रही तो आप अपने से तेज तरार व्यक्ति को दोस्त ही नहीं बनाएंगे।
बच्चों का तनाव दूर करने के लिए शिक्षकों को क्या करना चाहिए?
पीएम मोदी ने शिक्षकों को टिप्स देते हुए कहा कि बच्चों के तनाव को कम करने में शिक्षक की अहम भूमिका होती है। इसलिए शिक्षक और छात्रों के बीच हमेशा सकारात्मक रिश्ता रहना चाहिए। शिक्षक का काम सिर्फ जॉब करना नहीं, बल्कि जिंदगी को संवारना है, जिंदगी को सामर्थ्य देना है, यही परिवर्तन लाता है। परीक्षा के तनाव को विघार्थियों के साथ-साथ पूरे परिवार और टीचर को मिलकर एड्रेस करना चाहिए। अगर जीवन में चुनौती और स्पर्धा ना हो, तो जीवन प्रेरणाहीन और चेतनाहीन बन जाएगा। इसलिए कॉंम्पटिशन तो होना ही चाहिए, लेकिन हेल्दी कॉम्पटिशन होना चाहिए।
Pariksha Pe Charcha:पढ़ने के साथ-साथ लिखने की प्रैक्टिस जरुर करें
पीएम मोदी ने बच्चों से कहा जितना लिखोगे उतनी ही अच्छी तैयारी होगी और कॉन्फीडेंस भी बढ़ेगा। इसलिए आप दिन में जितनी देर पढ़ते हैं उसका कम से कम आदा वक्त नोट्स बनाने में लगांएं। इससे आपको आइडिया लग जाएगा कि परीक्षा में कितनी देर में क्या आंसर लिखना है। अगर आपको तैरना आ जाएगा तो पानी में उतरने में डर नहीं लगेगा, ठीक वैसे ही जब आप लिखने की प्रैक्टिस करेंगे तो आपको टाइम मैनेजमेंट आ जाएगा और जाहिर तौर पर परीक्षा परिणाम में इसका असर दिखेगा।
माता-पिता और बच्चों के बीच भरोसा होना जरुरी
एक छात्र ने पूछा कि हम अपने मां-बाप को कैसे यकीन दिलाएं कि हम मेहनत कर रहे हैं? इसके जवाब में पीएम मोदी ने कहा ये सोचने का विषय है कि पारवारिक माहौल में माता-पिता या टीचर भाषा नहीं कर पा रहे। कहीं न कहीं हमें अपने आचरण का एनालिसिस करने की जरुरत है। एक विद्यार्थी के नाते हमें ये सोचना चाहिए कि क्या आप जो कहते हैं उसका सच में पालन करते हैं या नहीं। माता-पिता के मना करने पर भी अगर हम फोन चला रहे हैं, तो भरोसा कम होगा ही। ठीक ऐसे ही मां-बाप को भी बच्चों पर भरोसा करना चाहिए। अगर बच्चों के नंबर नहीं आए हैं, तो इस तरह की बातें, कि तुम पढ़ते नहीं हो, दोस्तों के साथ समय बिताते रहते हो, ऐसी बातें बच्चों और मां-बाप के बीच दूरी बढ़ा देती हैं।
करियर च्वाइस के सवाल पर क्या बोले पीएम मोदी
एक छात्रा ने पीएम मोदी से सवाल किया कि करियर से जुड़ी उलझनों से कैसे बाहर निकलें। इस का जवाब देते हुए पीएम मोदी ने कहा, मुझे नहीं लगता कि आप स्वंय उलझन में हैं। हकीकत ये है कि आपको खुद पर भरोसा नहीं है। आपको अपने सोचने के समन्वय में दुविधा है इसलिए आप 50 लोगों को पूछते रहते हैं। जो सलाह आपको सबसे सरल लगती है उसी से आप समन्वय बैठा लेते हैं। सबसे बुरी जो स्थिति है वो कन्फयूजन है। फैसला करने से पहले हमें सारी चीजों को जितने तराजू तोल सकते हैं, तोलना चाहिए।
रील्स के बताए पीएम मोदी ने नुकसान
वहीं पीएम मोदी ने परीक्षा पे चर्चा के दौरान विद्यार्थियों को रील्स देखने के नुकसान बताएं। उन्होनें कहा कि अगर आप एक के बाद एक रील्स देखते रहेंगे तो काफी समय बर्बाद हो जाएगा, आपकी नींद खराब होगी। जो आपने पढ़ा है वो याद नहीं रहेगा।