जी हां ताजा मामला कानपुर देहात के रसूलाबाद तहसील का है. जिस गांव की ये घटना है वहीं के गांव वालों का कहना है कि यहां रहने वाले 115 वर्ष के संत की सोमवार शाम मृत्यु हो गई थी. उनकी मृत्यु की खबर से पूरे गांव में शोक का माहौल था. इसके बाद लोगों ने संत की समाधि बनाने के लिए मंदिर परिसर में एक गड्ढा खोदा और इन्हें दफनाने की तैयारियां लगभग पूरी कर ली गईं. तभी बाबा की 4 घंटे बाद हृदय गति शुरू हो गई और बाबा जीवित हो उठे. ग्रामीणों ने बताया कि बाबा का नाम नारायण बाबा है, जो 15 से 20 वर्ष पहले इस मंदिर में आये थे. लंबे समय से इन्होंने अन्न त्याग दिया है और ये महज फल ही खाते हैं.
गांववालों ने इस चमत्कार बताया और वो ही नहीं बल्कि जिसने भी इस बारे में सुना सभी इस किसी चमत्कार से कम नहीं समझ रहे.