देहरादून- सत्र के चौथे दिन फजीहतों के नाम रहा । सदन में जहां सत्ता पक्ष के मंत्री आधी-अधूरी तैयारी के साथ सदन में पहुंचे और विपक्ष के सवालो में उलझ कर रह गए। वहीं सदन में विपक्ष भी एक जुट नहीं रहा।
दरअसल कांग्रेस के धारचूला विधायक हरीश धामी फर्जी नागरिकता के सहारे जिला पंचायत जैसे अहम पंच निर्वाचित होने वाले सदस्य के मसले को सदन में उठाना चाहते थे। बावजूद इसके अपनी पार्टी के नेता के भरपूर सहयोग न मिलने के चलते धामी इतने गंभीर मसले को सदन के सामने नहीं रख पाए।
धामी की माने तो भूपेंद्र नामक शख्स के सभी रिश्तेदार,पारवारिक सदस्य नेपाल में रहते हैं। बावजूद इसके उसने फर्जी कागज़ातों के सहारे भारत की नागरिकता ले रखी है। धानी का कहना है कि ऐसे मुद्दों को गंभीरता से लिया जाना चाहिए क्योंकि ये देश की सुरक्षा के नजरिए से भी गंभीर चूक है। अपने आरोपो की पुष्टि के एवज में धामी ने कई दस्तावेज भी दिखाए।
धामी ने इंदिरा हृदयेश पर आरोप लगाते हुए कहा कि नेता प्रतिपक्ष ने उनका इस गंभीर मसले पर साथ नहीं दिया। जिससे नाराज धामी ने अपनी ही पार्टी के कद्दावर नेता इंदिरा हृदयेश को घेरकर पार्टी को असहज कर दिया।
धामी ने आशंका जताई कि हो सकता है मुझे इस बात का खामियाजा भुगतना पड़ रहा हो कि मैने नेता प्रतिपक्ष के पद पर इंदिरा हृदयेश का विरोध किया था। धामी ने कहा कि वे अपने दम पर विधायक बने हैं किसी के रहमो-करम पर नहीं। लिहाजा वे जनमुद्दों को उठाते रहेंगे।