देहरादून- डीजीपी अनिल के. रतूड़ी ने उत्तराखण्ड के सभी जनपद प्रभारियों व परिक्षेत्र प्रभारियों के साथ वीडियो कान्फ्रेसिंग के माध्यम से प्रदेश की यातायात व्यवस्था सुधारने के सम्बन्ध में समीक्षा बैठक ली गई।
डीजीपी अनिल रतूड़ी ने अपने सम्बोधन में कहा कि आज के परिदृश्य में यातायात प्रबन्धन भी अपराध एवं कानून व्यवस्था बनाये रखने के समान ही महत्वपूर्ण हो गया है। यह वीडियों कान्फेसिंग भी यातायात प्रबन्धन हेतु रखी गई है, जिससे की दुर्घटनाओं के कारणों का आंकलन कर सकें तथा दुर्घटनाओं के सम्बन्ध में तर्कसंगत सोच बना सकें।
हमे दुर्घटनाओं के कारणों पर अधिक गहरायी से जाना पडेंगा। उन्होंने सभी जनपद प्रभारियों को अपने-अपने जनपदों में स्वयं भ्रमण कर ब्लैक स्पाट एवं दुर्घटना संभावित क्षेत्रों का चिन्हीकरण करते हुये 15 दिवस के भीतर उसपर की गयी कार्यवाही से अवगत कराने हेतु निर्देशित किया गया।
एडीजी अशोक कुमार(अपराध एवं कानून व्यवस्था ने बताया कि प्रदेश में सड़क दुर्घटनाओं का मुख्य कारण ओवर स्पीड,नशे में वाहन चलाना, रेश ड्राइविंग,ओवरलोडिंग, वाहनों एवं सड़कों की खराब स्थिति तथा अप्रशिक्षित चालक होना है जिनकी रोकथाम करना पुलिस की प्राथमिकता है। पर्वतीय जनपदों में अपराध कम है वहाँ यातायात को अधिक महत्व देना चहिये। उन्होने जनपद प्रभारियों को पुलिस मुख्यालय द्वारा यातायात प्रबन्धन हेतु प्रदत्त संसाधनों का अधिक से अधिक उपयोग करते हुये दुर्घटनाओं में अंकुश लगायें जाने के निर्देश दिये।
बैठक में निम्न बिन्दुओं पर विचार-विमर्श किया गयाः-
1. ऐसी सड़क दुर्घटनायें जिनमें दो या उससे अधिक व्यक्तियों की मुत्यु होती है उनमें दुर्घटना स्थल पर जनपद प्रभारियों को तथा समान्य दुर्घटनाओं होने की दशा में स्वयं थानाध्यक्ष को घटना स्थल पर जाकर निरीक्षण करने हेतु निर्देशित किया गया।
2. जनपद प्रभारियों को परिवहन एवं लोकनिर्माण विभाग के साथ समन्वय स्थापित कर संयुक्त रुप से दुर्घटना सम्भावित/बोटल नेक/ब्लैक स्पॉट स्थानों का चिन्हीकरण कर सड़क दुर्घटनाओं की रोकथाम हेतु चेतावनी बोर्ड, पैरा फिट एवं रिफ्लैक्टर कलर आदि कार्यवाही किये जाने हेतु निर्देशित किया गया।
3. पर्वतीय जनपदों में यातायात प्रबन्धन हेतु हिल पेट्रोल यूनिट को पर्वतीय क्षेत्रों में वाहन चालकों से यातायात नियमों का पालन कराने, वाहनों की आकस्मिक चैकिंग कर शराब व मादक पदार्थ की तस्करी की रोकथाम, आपदा/दुर्घटनाओं की स्थिति में मैडिकल फर्स्ट रिसपॉण्डरके रुप में कार्य करने एवं निःशक्त/असहाय नागरिकों की सहायता करने हेतु भी निर्देशित किया गया।
4. समस्त जनपदों में यातायात जागरुकता के सम्बन्ध में अभियान चलाकर आमजन को यातायात नियमों एवं सड़क सुरक्षा के प्रति जागरुक करने हेतु निर्देशित किया गया।
5. जनपद प्रभारियों को मौके पर जाकर स्वयं निरीक्षण कर सड़क दुर्घटनाओं के कारणों का आंकलन कर जैसे किन-किन स्थानों में दुर्घटनायें अधिक हो रही है, किस समय पर हो रही है, किन वाहनों से अधिक हो रही है आदि की रोकथाम हेतु कार्ययोजना तैयार किये जाने हेतु निर्देशित किया गया।
6. दुपहिया वाहनों के साथ-साथ चौपहिया वाहनों की भी नियमित चैकिंग विनम्रतापूर्वक किये जाने हेतु निर्देशित किया गया।
7. सड़क दुर्घटनाओं के मुख्य कारणों जैसे ड्रंकन ड्राईविंग, रेड लाईट जम्पिंग, ओवर स्पीड, ओवर लोड़िंग, रैश ड्राईविंग, एवं मालवाहक वाहनों में सवारी बैठाना में शत-प्रतिशत डीएल निरस्तीकरण की कार्यवाही करने हेतु भी निर्देशित किया गया।
8. जनपद प्रभारियों को सिटी पेट्रोल यूनिट द्वारा की गयी मासिक कार्यवाही की समीक्षा किये जाने तथा सिटी पेट्रोल यूनिट का अधिक से अधिक उपयोग यातायात प्रबन्धन में किया जाये।
9. क्षतिग्रस्त मार्गों, बाईपास, फ्लाईओवर के निर्माण एवं सड़कों के सुधारीकरण हेतु अन्य सम्बन्धित विभागों एमडीडीए,पीडब्लूडी,एनएचआईए आदि से समन्वय स्थापित करने हेतु भी निर्देशित किया गया।
10. पर्यटन पुलिस को उच्च प्रशिक्षण प्रदान कर अधिक सक्षम बनाया जायेगा।
11. चारधाम यात्रा मार्ग पर पड़ने वाले थाना/चौकियों में नियुक्त पुलिस बल को एसडीआरएफ से प्रशिक्षण प्रदान कर दुर्घटनाओं/आपदा में फस्ट रिसपॉण्डर की भूमिका दिलाने हेतु सक्षम बनाया जायेगा।
12. 200 पुलिस कर्मियों को गोताखोरी का प्रशिक्षण भी दिलाया जायेगा।