जोशीमठ में भू धंसाव की घटनाओं के बीच अब कुछ नए इलाकों में भी भू धंसाव की घटनाएं सामने आने लगी हैं। ताजा वाक्या नरेंद्रनगर एक गांव में देखने को मिला है। यहां एक दर्जन से अधिक मकानों में दरारें आई हैं।
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जोशीमठ में हो रहे भू-धंसाव की जद से जोशीमठ अभी उभरा भी नहीं था कि नरेन्द्रनगर विधानसभा पट्टी दोगी की ग्राम पंचायत लोड़सी के बल्दियाखान में रह रहे 14 परिवारों के आशियाने में विकास के काले बादल मंडराने लगे। स्थानीय लोगों ने रेलवे पर लापरवाही के आरोप लगाए हैं। दरअसल इस इलाके में ऋषिकेश कर्णप्रयाग रेल लाइन का काम चल रहा है और इसी के लिए इस गांव के करीब ही टनल का निर्माण किया जा रहा है।
टनल के लिए हो रही है ब्लास्टिंग
रेल लाइन के लिए टनल निर्माण हो रहा है और इसके लिए ब्लास्टिंग की जा रही है। स्थानीय लोगों की माने तो ब्लास्टिंग के कारण ही बल्दियाखान बस्ती में रह रहे 14 परिवारों के मकानों की छतों, दीवारों व चौक पर दरारें पड़ गयी हैं। अक्सर रात में हो रही ब्लाटिंग से मकान में तेज कंपन हो रहा है। इस कारण स्थानीय लोग भय और दहशत की वजह से ठण्ड में अपने बच्चों समेत घरों से बाहर निकलने पर मजबूर हैं।
बल्दियाखान बस्ती के स्थानीय लोगों का कहना है की ब्लास्टिंग से मकानों की नींव कमजोर हो गई है। आरवीएनएल के अधिकारिओं से इस संबंध में शिकायत की गई लेकिन अधिकारी मकानों पर दरारें देख, उन्हे चिह्नित कर चले गए। पीड़ित परिवारों को अभी तक कोई मदद नहीं मिली है। न ही रेलवे और न ही सरकार ने उनकी कोई मदद की है।
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मांग पूरी नहीं हुई तो होगा आंदोलन
सरकार की अनदेखी से पीड़ित ग्रामीणों की चिंता के साथ साथ आक्रोश भी बढ़ता जा रहा है। ग्रामीणों ने बताया की घर की नींव इतनी कमजोर हो गई है की कभी भी कोई बड़ी दुर्घटना हो सकती है। ग्रामीणों ने सरकार से मांग की है कि उन्हें मकानों का मुआवजा देकर विस्थापन की कार्यवाही की जाए अन्यथा वे ऋषिकेश- बदरीनाथ राष्ट्रीय राजमार्ग के स्थान गूलर में सड़कों पर उतरकर रेलवे विकास निगम के खिलाफ आंदोलन करने के लिए बाध्य होंगे।