रुड़की :- दिल्ली और उत्तरप्रदेश जमात से मंगलौर कस्बे में आये 8 लोगों को पुलिस ने मेडिकल परीक्षण के लिए भेजा। वहीं मेडिकल परीक्षण के बाद सभी को होम क्वॉरेंटाइन किया।
बता दें कि बीते दिन भी लिखे निजामुद्दीन इलाके में इसी जमात में गए सैकड़ों लोगों में खुरमा के लक्षण पाए गए थे जिसके बाद वहां एक मेडिकल टीम पहुंची थी और उनको जांच के लिए ले जाया गया था। वहीं कुछ लोग उस जमात में उत्तराखंड से भी शामिल हुए थे जो की सोमवार देर रात लौटे थे। वहीं बता दें कि उत्तराखंड में बाहरी राज्यों से आये लोगों को क्वॉरेंटाइन किया जा रहा है। इन सभी को 14 दिनों तक क्वॉरेंटाइन किया जाएगा और मेडिकल स्टाफ की देखरेख में होंगे।वहीं पुलिस बाहर से आए लोगों की सूचना देने की अपील कर रही है ताकि इस घातक महामारी को रोका जा सके।
बता दें कि उत्तराखंड के हजारों लोगों पर कोरोना का खतरा मंडराने लगा है। ये खतरा ऐसा है, जिसके बारे में अब तक किसी को पता नहीं था। ये खतरा प्रदेश के विभिन्न जिलों में मंडरा रहा है। दिल्ली की तबलीगी जमात में उत्तराखंड से भी 34 लोग शामिल होने गए थे, जो वापास आ चुके हैं।
दरअसल, दिल्ली में तबलीगी जमात में देश के विभिन्न राज्यों के लोगों साथ ही दुनिया के कई देशों के लोग भी शामिल हुए थे। इस जमात में शामिल होने के बाद वापस अपने घरों की ओर लौटने के बाद अलग-अलग राज्यों में अब तक 7 लोगों की मौत भी हो चुकी है। इस जमात में शामिल 24 लोगों में कोरोना की पुष्टि हो चुकी है और करीब 350 लोग दिल्ली के अस्पतालों में भर्ती हैं।
अब आपको बताते हैं कि उत्तराखंड में इसका खतरा कैसे मंडरा रहा है। उत्तराखंड के 34 लोगों का अब तक पता चल चुका है कि वो तबलीगी जमात में शामिल होने दिल्ली गए हैं। चार लोग रानीखेत लौट आए हैं। 11 लोग हरिद्वार जिले के बताए जा रहे हैं। इनमें से 10 भगवानपुर और एक मंगलौर का रहने वाला बताया जा रहा है। जानकारी के अनुसार इन सभी की लोकेशन फिलहाल दिल्ली में ही बताई जा रही है। जबकि अन्य लोग लौट आए हैं।
अगर दिल्ली से लौटकर आ चुके लोगों में एक-दो भी पाॅजिटिव पाया गया, तो वो अब तक कई लोगों को कोरोना संक्रमित कर चुके होंगे। दिल्ली से लौटने के बाद कई लोग रिश्तेदारी में भी गए होंगे, जिस बस से या वाहन से लोग आये होंगे, उसमें सवार लोगों को भी संक्रमित कर चुके होंगे। इस तरह देखा जाए, तो उत्तराखंड के हजारों लोगों पर कोरोना का खतरा मंडरा रहा है।