देहरादून- एक ओर जहां सेना में भर्ती होकर जवान देश की सीमाओं पर पहरा दे रहे हैं औऱ देश-जनता की रक्षा कर रहे हैं. वहीं इस बीच एक ऐसा मामला सामने आया जिससे देवभूमि के लोगों साथ-साथ पूरे देश और भारतीय सेना का सीना गर्व से फूल जाएगा.
भारतीय सेना जवान मरने के बाद भी पांच लोगों को नई जिंदगी दे गया
जी हां देहरादून में भारतीय सेना का एक जवान ने मरने के बाद भी पांच लोगों को नई जिंदगी दे गया। साथ ही उन पांच परिवारों को भी खुशियों से भर गया. जो हमेशा उसे दुवाएं देेंगे. सेना के जवान ने कइयों को जीवन दान दिया. जिससे हर कोई और हर तरफ वाहवाही हो रही है.
देहरादून के मिलिट्री अस्पताल में 24 अगस्त को एक सिपाही को किया गया था ब्रेन डेड घोषित
दरअसल आपको बता दें देहरादून से जौलीग्रांट पर ग्रीन कॉरिडोर बनाया गया. देहरादून के मिलिट्री अस्पताल में 24 अगस्त को एक सिपाही को ब्रेन डेड घोषित कर दिया गया था। ऐसे में आर्मी हॉस्पिटल दिल्ली से विशेषज्ञ चिकित्सकों की टीम देहरादून पहुंची। ये टीम वायुसेना के खास विमान से देहरादून पहुंची थी। क्योंकि समय कम था और 5 लोग दिल्ली में जिंदगी औऱ मौत के बीच जंग लड़ रहे थे. इसलिए देहरादून से जवान के अंगों को जल्द से जल्द दिल्ली के आर्मी हॉस्पिटल पहुंचाना जरूरी था।
सेना का एक जवान दे गया 5 लोगों को नई जिंदगी
जल्द से जल्द दिल्ली तक उन अंगों को पहुंचाया गया और आपको पढ़कर हैरानी होगी कि जिन-जिन को सेना के जवान के अंग दान किए गए हैं वह सभी 5 लोग अब अपनी जिंदगी में वापस लौटने को हैं. मरने के बाद भी सेना का एक जवान 5 लोगों को नई जिंदगी दे गया।
क्यों पड़ती है ग्रीन कॉरिडोर की जरूरत ?
ऐसी आपात स्थिति जब किसी मानव अंग को बेहद कम वक्त में एक स्थान से दूसरे स्थान तक ले जाना होता है। इसके लिए बहुत ही कम वक्त चाहिए। अस्पताल के कर्मचारियों और पुलिस के आपसी सहयोग से ही ऐसा संभव है। खास बात ये है कि इस पूरी प्रक्रिया में भारतीय सेना, वायु सेना, पुलिस और उत्तराखंड के स्वास्थ्य विभाग के बीच जबरदस्त तालमेल नज़र आया।
मिलिट्री हॉस्पिटल देहरादून के कमांडेंट ब्रिगेडियर ए.के सूद का कहना है कि भारतीय सेना से लेकर पुलिस और स्वास्थ्य विभाग के तमाम अधिकारियों के बीच अच्छा तालमेल रहा जिससे 5 लोगों को जीवन दान मिला औऱ ऑपरेशन सक्सेस हुआ. कमांडेंट सूद ने इस ऑर्गन ट्रांसप्लांट में शामिल सभी चिकित्सकों को बधाई और शुभकामनाएं दी हैं। कमांडेंट सूद का कहना है कि भविष्य में भी जीवन रक्षा की ये पहल जारी रहनी चाहिए। सेना की इस शानदार जीवन रक्षा पहल की हर कोई तारीफ कर रहा है।
भारतीय सेना को हमारा सलाम
सेना के जवानों को हमारा सलाम. हमें गर्व है अपनी भारतीय सेना पर औऱ उससे भी ज्यादा गर्व है उत्तराखंड से भर्ती होकर सेना में शामिल होने वाले उन युवाओं पर जो कच्ची उम्र में जिसकी देखरेख माता पिता करते हैं वो देश की सेवा औऱ पूरे देश की रक्षा कर रहे हैं. और जब बात 5 लोगों को जीवनदान देने की है तो गर्व होता है हमें भारतीय सेना का नाम सुनकर ही.