देहरादून- योग का अर्थ होता है ‘एकता’ या बंधना…योग शरीर, मन, भावनाओं संतुलित करने और तालमेल बनाए रखने का एक साधन है…जिससे हमारे शरीर को बाहरी फायदे के साथ-साथ अंदुरुनी फायदा भी होता है..लेकिन योग के साथ-साथ शरीर को, मन को औऱ दिमाग को भी आराम की जरुरत होती है तभी योग का फायदा होता है. कहा जाता है कि खाना ज्यादा खाने से कोई मोटा और कम खाने से पतला नहीं होता बल्कि खाना खाना तो एक क्रिया है जैसे नींद की.
6 से 8 घंटे की नींद जरुरी
एक इंसान की तंदुरुस्ती के लिए 6 से 8 घंटे की नींद जरुरी होती है औऱ साथ ही जो क्रियाएं प्रतिदिन की होती है वह भी बेहद जरुरी है…लेकिन पीएम मोदी के योग कार्यक्रम के लिए क्या-क्या सितम लोगों पर ढाए जा रहे हैं आप भी पढ़िए.
मोदी प्रेम के लिए सब कुछ भूले, बड़ा सवाल-कहां की रहने की व्यवस्था
पीएम मोदी के देरहादून योग कार्यक्रम और मोदी प्रेम के लिए कुछ ऐसा किया जा रहा है कि लोगों को न खाना-पीने का टाइम दिया जा रहा है और न नींद और आराम का…यहां तक की पेट साफ करने तक का टाइम भी लोगों को नहीं दिया जा रहा. बड़ा सवाल ये भी है कि आखिर उन लोगों के ठहरने की सुविधा कहां की गई है.
4 घंटे में रहने की व्यवस्था, नहाना-धोना और रात की नींद कैसे होगी पूरी?
हम ये इसलिए कह रहे है क्योंकि पत्र के अनुसार 20 जून की रात 10 बजे ऋषिकेश से कई लोगों को यहां देहरादून लाया जाएगा. बढ़ा सवाल ये है कि भर-भर कर दूर-दूर से योग के लिए जिनको लाया जा रहा है उनके ठहरने की व्यवस्था कहां की है. क्योंकि जो 10 बजे ऋषिकेश से देहरादून के रवाना होंगे तो कम से कम 2 घंटे यहां आने में लगेंगे यानि की 12 बजे फिर वह कहा रहेंगे और अपनी नींद कैसे पूरी करेंगे. क्योंकि 4 बजे उन्हें ग्राउंड में पहुचना है. यानि की 12 से 4 बजे तक लोगों के पास 4 ही घंटे का समय है ऐसे में उन्हें रहने की व्यवस्था, फ्रेश होने, नहाने-धोने और नींद भी पूरी करनी है. और ये एक जगह की बात है अभी तो कई ऐसी जगह है जहां से लोगों को देहरादून योग कार्यक्रम के लिए लाया जा रहा होगा.
दावा पूरा करने की आड़ में जनता को बनाया जा रहा बली का बकरा
सभी को ज्ञात है कि देहरादून के एफआरआई में 21 जून को मोदी का योग कार्यक्रम है. जिसमें 60 हजार से अधिक लोगों के इस योग कार्यक्रम में शामिल होने का सरकार ने दावा किया है. लेकिन इस दावे को पूरा करने की आड़ में किसकी बैंड बजाई जा रही है औऱ किसे बलि का बकरा बनाया जा रहा है ये इससे साफ पता चलता है. सरकार अपना टारगेट पूरा करने और पीएम मोदी के प्रति प्रेम जाहिर करने में इतनी मशगुल है कि लोगों को सुबह बाहर जाने तक का टाइम नहीं दिया जा रहा. आराम करना तो दूर की बात है..
कई लोग नींद में को कई पेट पकड़कर करेंगे योग
इन सबको देखकर तो ऐसा लग रहा है कि जरुर कई लोग आधी नींद में उस दिन योग करेंगे औऱ कुछ लोग पेट पकड़कर. क्योंकि नियम है कि खाली पेट ही योग किया जाता है लेकिन मोदी प्रेम के लिए सरकार जनता प्रेम भूल गई.
न मन खुश, न आंखों को आराम और न पेट हल्का तो कैसे करेंगे योग
तो ऐसे में सवाल यही उठता है कि आखिर लोगों के लिए रहने की व्यवस्था कहां की गई है और बिना नींद, बिना शौच और बिना स्नान के कैसा योग.. जिसमे न मन खुश है, ना आंखों को आराम औऱ न पेट हल्का तो कैसे लोग योग करेंगे.