देहरादून : कांग्रसे प्रदेश अध्यक्ष का पारा उस वक्त सातवें आसमान पर आ पहुंचा जब उनकी पार्टी को चकराता कालसी में होर्डिंग-फ्लैक्स लगाने की अनुमति नहीं दी गई. इसको लेकर प्रीतम सिंह की देहरादून डीएम एसए मुरूगेशन से तीखी बहस हो गई। प्रीतम सिंह जिला प्रशासन के रवैये से इतने खफा हुए कि उन्होंने डीएम को ये तक कह दिया कि डीएम साहब सुन लो, पांच बार का विधायक हूं। मुझे पता है कैसे प्रचार होता है और कैसे अनुमति लेते हैं।
जानकारी के अनुसार मामला गुरुवार की सुबह 11.50 बजे का है। कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष प्रीतम सिंह तो जब जानकारी मिली की उनकी परिवर्तन रैली के लिए कालसी-चकराता में प्रशासन पोस्टर लगाने की अनुमति नहीं दे रहा है तो उनका पारा चढ़ गया. जिसके बाद प्रीतम सिंह ने तुरंत प्रदेश सचिव गिरीश चंद्र पुनेड़ा को डीएम को फोन करने को कहा।
प्रीतम सिंह ने फोन पर की डीएम से बात
प्रीतम सिंह ने देहरादून डीएम से फोन पर पूछा, आखिर चकराता-कालसी में प्रचार के लिए बैनर लगाने की अनुमति क्यों नहीं दी जा रही है? आप कह रहे हैं चकराता कालसी में कहां लगाएंगे? यह क्या बात हुई? क्या कहा? हम वहां फ्लेक्स नहीं लगा पाएंगे? हम वहां किसी के घर में लगाएंगे, आपको क्या तकलीफ? मेरी बात सुनिए आप। बुरा न मानिएगा डीएम साहब, मैं पांच बार का विधायक हूं, क्या मुझे पता नहीं है कि चुनाव प्रचार कैसे होता है। ज्यादा ना-ना हुई तो सारे चकराता-कालसी में पोस्टर लगवा दूंगा। फिर देते रहना आचार संहिता के नोटिस। वहीं इसके बाद प्रीतम के भाई जिपं अध्यक्ष चमन सिंह आए। कहा कि डीएम साहब ने कहा है परमिशन दी जाएगी।
डीएम एसए मुरुगेशन का बयान
वहीं इस मामले पर डीएम एसए मुरुगेशन का कहना है कि प्रीतम सिंह का फोन आया था। जिसमें उन्हें जानकारी दी गई है कि पोस्टर-होर्डिंग के लिए विधिवत परमिशन लेनी होगी। इन पोस्टर-होर्डिंग पर क्या लिखा जाना है, उन्हें एक बार देखना होता है। उन पर ऐसा कंटेंट नहीं होना चाहिए, जिससे किसी की भावनाएं आहत हों। पहली अनुमति कंटेंट की लेनी होती है और दूसरी पोस्टर-बैनर लगाने की। नाराजगी-शिकायत वाली कोई बात नहीं है।