देहरादून : केंद्र सरकार की नीतियों के खिलाफ कर्मचारियों ने मंगलवार से प्रदेश भर में दो दिन की हड़ताल शुरूआत की. जिसका व्यापक असर जगह-जगह देखने को मिला. हड़ताप पर बैठे बैंककर्मियों का कहना है कि केंद्र के बैंकों का विलयकरण के फैसले की बजाय बैंकों का विस्तारीकरण किया जाए जिससे उपभोक्ताओं को उचित सुविधाए मिल सके लेकिन सरकार ऐसा ना करके बैंकों का विलयकरण करने पर तुली हुई है। जिससे बैकों को नुकसान भुगतना पड़ सकता है.
वहीं उत्तराखंड के दूसरे शहरों में भी हड़ताल का व्यापक असर देखने को मिल रहा है। वहीं, टिहरी में अखिल भारतीय ट्रेड यूनियन समन्वय समिति के बैनर तले मजदूर संघों ने दिया धरना। न्यूनतम वेतन 18 हजार रूपए करने सहित 15 सूत्रीय मांगों के निस्तारण की कर रहे मांग।
अपनी विभिन्न सूत्रीय मांगों को लेकर हड़ताल में अन्य कर्मचारी
आपको बता दें इस हड़ताल में उत्तराखंड संयुक्त ट्रेड यूनियन्स समन्वय समिति के साथ-साथ बैंक, एलआईसी, जनरल इंश्योरेंस, बिजली, जल संस्थान, जल निगम, डाक विभाग, जीएनवीएन, ओएनजीसी की कई कर्मचारी यूनियनें के साथ आंगनबाड़ी, आशा कर्मचारी, उपनल कर्मचारी, संविदा कर्मचारी, सिक्योरिटी गार्ड, मेडिकल रिप्रेजेंटेटिव, होटल कर्मचारी, चाय बागान मजदूर, भोजन माताएं भी हड़ताल में शामिल हैं।जो की अपनी विभिन्न सूत्रीय मांगों को लेकर हड़ताल में हैं.
राष्ट्रव्यापी हड़ताल के चलते ओएनजीसी में कर्मचारी समय से पहले एकत्रित हुए संस्थान परिसर में यहां अपनी मांगों को लेकर नारेबाजी की मौके पर ओएनजीसी स्टाफ यूनियन के अध्यक्ष पूर्व परिवहन मंत्री हीरा सिंह बिष्ट ने कर्मचारियों को संबोधित किया।