देहरादून : रविवार को देश सहित उत्तराखंड के लिए बुरी खबर आई. दरअसल रविवार को केरल के कोच्चि में ग्लाइडर हादसे में उत्तराखंड निवासी के नेवी ऑफिसर लेफ्टिनेंट राजीव झा शहिद हो गए। राजीव झा के साथ एक अन्य ऑफिसर भी शहीद हुए। वहीं ले. राजीव झा का पार्थिव शरीर मंगलवार को देहरादून के झाझरा सैनिक कॉलोनी स्थित पैतृक आवास पर पहुंचा। पार्थिव शरीर को ताबूत में देख परिवार में कोहराम मच गया। मां-पिता बेसुध हो गए। पत्नी गुड़िया का रो-रोकर बुरा हाल है उन्हे विश्वास नहीं कि उनका बेटा अब इस दुनिया में नहीं हैं। शहीद लेफ्टिनेंट राजीव झा मंगलवार को पंचतत्व में विलीन हुए। पूरे क्षेत्र में शोक की लहर दौड़ गई। मासूम बेटिया पिता को ताबूत में ताकती रही। शहीद के अंतिम दर्शनों को उमड़े भारी जनसैलाब ने उन्हें नम आंखों से भावभीनी विदाई दी।
शहीद की दो मासूम बेटियां
बीते दिन शहीद का हरिद्वार में पूरे सैन्य सम्मान के अंतिम संस्कार किया गया। विशेष विमान से उनका पार्थिव शरीर जौलीग्रांट एयरपोर्ट लाया गया। सबसे ज्यादा आंसू शहीद की दो मासूम बेटियों और बेटे को देखकर निकले। उन्हें पता भी नहीं कि उनके पिता कहा चले गए और कभी वापस नहीं आएंगे। बता दें कि शहीद लेफ्टिनेंट की दो बेटियां है जिसमे से एक 6 साल और दूसरी ढाई साल की है औऱ एक बेटा है।
1999 में नेवी में बतौर अधिकारी भर्ती हुए थे राजीव
जानकारी मिली है कि शहीद लेय राजीव झा मूलरूप से बिहार के समस्तीपुर जिले के रहने वाले हैं लेकिन उनका परिवार वर्तमान में देहरादून के झाझरा में रहता है। शहीद ले. तीन भाई बहन थे जिनमे से राजीव सबसे बड़े भाई थे। छोटा भाई तरुण मल्टीनेशनल कंपनी में काम करता है जबकि पिता हरिनारायण झा देहरादून में ही नौकरी करते थे। जानकारी मिली है कि राजीव 1999 में नेवी में बतौर अधिकारी भर्ती हुए थे।