देहरादून- हाईकोर्ट के आदेश के राज्यभर में जगह-जगह अतिक्रमण हटाओं अभियान चलाया जा रहा है. शासन द्वारा जगह-जगह लाल निशान लगाकर अतिक्रमण को चिन्हित किया गया है. वहीं इस बीच मसूरी विधायक गणेश जोशी ने आज अपने घर के बाहर किए गए अतिक्रमण को खुद हटाया.
नहीं मिले मजदूर तो खुद ही चले अतिक्रमण हटाने
ऐसा लग रहा था कि शायद विधायक जी को अतिक्रमण हटाने के लिए कोई मजदूर नहीं मिले इसलिए खुद ही हाथ में भाला लिए चल दिए और अपने ही घर के बाहर कब्जे की जमीन पर किए अतिक्रमण को हटाने लगे. दो चार कैमरा मैन भी वहां मौजूद थे और कई संगी-साथी. फिर क्या था लाइव-कैमरा औऱ एक्शन…खैर अब ये दिल से किया या दिमाग से ये वही जाने लेकिन अतिक्रमण जरुर हटाया गया.
यह समझकर नजरअंदाज कर दिया कि भई हम तो विधायक हैं सरकार हमारी है
खुशी है कि विधायक जी ने हाईकोर्ट के आदेश का पालन करते हुए खुद किया अतिक्रमण खुद ही हटा दिया. लेकिन बड़ा सवाल ये है कि जो लोगों को सिखाते हैं और प्रवचन देते हैं कि अवैध कब्जा और अतिक्रमण न करें लेकिन उन्होंने शायद कभी अपने गिरेबां में झांककर नहीं देखा औऱ देखा भी तो यह समझकर नजरअंदाज कर दिया कि भई हम तो विधायक हैं सरकार हमारी है.
बड़ा सवाल ये – कितने मंत्री-विधायकों ने किया हुआ है अतिक्रमण
बड़ा सवाल ये है कि और कितने मंत्री-विधायकों ने अतिक्रमण किया हुआ है औ क्या ये सीएम त्रिवेंद्र रावत को ये संज्ञान में था कि उनके ही सरकार में मौजूद विधायकों ने अतिक्रमण कर रखा है. और संज्ञान में था भी तो अभी तक कोई एक्शन क्यों नहीं लिया गया.
क्या कानून में ऐसा लिखा है
क्या कानून में ऐसा लिखा है कि अगर आप सत्ता में हैं तो आप आराम से अतिक्रमण कर रह सकते हैं और आपके मुखिया आपसे कुछ नहीं कहेंगे. लेकिन शुक्र है हाई कोर्ट का जिसने ये आदेश दिया. वरना ना जाने कितने मंत्री-विधायकों ने अतिक्रमण कर नियमों की धज्जियां उड़ाई होगी.
ये सभी वहीं मंत्री-विधायक होते हैं जो खुद करें तो सही लेकिन दूसरा करे तो उसको गलत बताते हैं और वो भी वोटों के लिए.